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Last Modified: मंगलवार, 19 फ़रवरी 2019 (15:16 IST)

शिवसेना ने भाजपा को किया आगाह, विवादित बयानबाजी से बचे सरकार

ShivSena। शिवसेना ने भाजपा को किया आगाह, विवादित बयानबाजी से बचे सरकार - Shiv Sena warns the central government
मुंबई। भारतीय जनता पार्टी के साथ सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने के एक दिन बाद शिवसेना ने राजग सरकार से मंगलवार को कहा कि वह ऐसा व्यवहार न करे जिससे ऐसे आरोपों को बल मिले कि वह चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए युद्ध छेड़ने का प्रयास कर रही है।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए दंगों और आतंकवादी हमलों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। पार्टी ने आगाह किया कि ऐसी घटनाओं पर कश्मीर के छात्रों को निशाना बनाए जाने से सरकार के लिए ज्यादा परेशानी खड़ी हो सकती है। यह टिप्पणी आगामी लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा तथा शिवसेना के बीच सीट बंटवारे की व्यवस्था की घोषणा के बाद आई है।

उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने किसी का नाम लिए बिना कहा, कुछ समय पहले ऐसे राजनीतिक आरोप लगे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव जीतने के लिए छोटे स्तर का युद्ध छेड़ सकते हैं। शासकों को इस तरह से व्यवहार नहीं करना चाहिए कि इन आरोपों को बल मिले।

पार्टी ने सरकार को आगाह किया कि देश विभिन्न हिस्सों में कश्मीरी छात्रों पर हालिया हमलों की घटनाएं ज्यादा परेशानी खड़ी कर सकती हैं। इसने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की याद दिलाई और कहा कि कांग्रेस को आज तक उसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।

शिवसेना ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद और भारत-पाकिस्तान संबंधों पर विवादित टिप्पणियां करने वाले कुछ सांसदों-विधायकों पर भी निशाना साधा। यह उल्लेख करते हुए कि पुलवामा हमले के बावजूद पाकिस्तान से बातचीत की हिमायत करने पर कांग्रेस के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को टीवी कार्यक्रम से बाहर कर दिया गया, पार्टी ने कहा कि उन पर दबाव बनाया गया और उनके खिलाफ अभियान चलाया गया।

इसने रेखांकित किया कि दूसरी तरफ भाजपा विधायक नेपाल सिंह की टिप्पणी को नजरअंदाज कर दिया गया और उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा था कि सेना के जवान हैं तो मरेंगे ही। पुलवामा हमले पर सरकार पर निशाना साधते हुए पार्टी ने कहा, हमारे खुफिया अधिकारी प्रधानमंत्री की जान को खतरा बताने वाले कथित ई-मेल का पता लगा सकते हैं, लेकिन काफिले पर आतंकवादी हमला रोकने में कामयाब नहीं होते।

पार्टी ने कहा कि 2014 से पहले मोदी एवं आरएसएस देश में प्रत्येक आतंकवादी हमले के लिए मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार को जिम्मेदार ठहराते थे। शिवसेना ने कहा, तो यह समझना होगा कि अगर कोई मौजूदा प्रधानमंत्री से देश से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने की उम्मीद करता है तो वह सही है।
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