मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. shaheen bagh
Written By WD
Last Updated : गुरुवार, 16 जनवरी 2020 (14:22 IST)

शाहीन बाग का सच : वीडियो वायरल होने के बाद आंदोलन पर उठे सवाल

शाहीन बाग का सच : वीडियो वायरल होने के बाद आंदोलन पर उठे सवाल - shaheen bagh
(700 और 1200 रुपए लेकर मुस्‍लिम महिलाएं हो रहीं प्रदर्शन में शामिल)


पिछले कई दिनों से दिल्‍ली के शाहीन बाग में एनआरसी (NRC) और (CAA) को लेकर मुस्‍लिम महिलाओं का विरोध जारी है। इस प्रदर्शन को विरोध के एक बड़े स्‍वर के तौर पर देखा जा रहा है। मीडिया भी इसे लगातार कवरेज दे रहा था, लेकिन गुरुवार को शाहीन बाग के प्रोटेस्‍ट को लेकर कुछ चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं।

दरअसल, ट्विटर पर #शाहीनबागट्रूथ, #बिकाऊऔरते_शहीनबागकी और #बिकाऊ_प्रदर्शनकारी सबसे ऊपर ट्रैंड कर हैं। इसी ट्रैंड के साथ ही शाहीन बाग के कुछ वीडियो भी वायरल हुए हैं, जिनमें स्‍थानीय लोग शाहीन बाग के आंदोलन में शामिल मुस्‍लिम महिलाओं का सच बता रहे हैं। सच क्‍या है यह तो फिलहाल किसी को नहीं पता है, लेकिन वीडियो में जो बातें कही जा रही हैं, उससे शाहीन बाग के आंदोलन की हकीकत पर सवाल जरूर खड़े हो गए हैं।

आखिर क्‍या है वीडियो में : गुरुवार को ट्विटर पर अचानक यह एक वीडियो ट्रैंड करने लगा। मोबाइल से किए गए इस वीडियों में दो स्‍थानीय लोग यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि शाहीन बाग के प्रोटेस्‍ट में बैठने के लिए यहां की गरीब महिलाएं 700, 800, 1000 और 1200 रुपए ले रही हैं। इसके साथ ही उन्‍हें खाने-पीने की सामग्री भी मुहैया करवाई जा रही है।

आंदोलन में भीड़ कम न हो इसके लिए लगातार औरतों को पैसे देकर यहां बिठाया जा रहा है। इसके लिए बकायदा शिफ्ट में महिलाएं आकर मैदान में बैठ रही हैं।

गरीबों का माफ हो रहा किराया : वीडियो में यह बातचीत भी सुनी जा सकती है कि कई मकान मालिकों ने अपने गरीब किराएदारों का किराया भी इसलिए माफ किया है कि वे धरने में शामिल हों। बताया गया है कि दिल्‍ली के कालिंदी कुंज और बाटला हाउस इलाकों में यही सब हो रहा है और इसमें कई महिलाएं इसमें शामिल हैं।

वीडियो सामने आने के बाद यह ट्विटर पर ‘#शाहीनबागट्रूथ’ और ‘हैशटैग बिकाऊ औरतें शाहीन बाग की’ टॉप में ट्रैंड कर रहा है। इसमें कई लोग शाहीन बाग आंदोलन के फर्जी होने की आलोचना कर रहे हैं तो वहीं कई यूजर्स मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।

इधर भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी अपने ट्विटर अकांउट से यह वीडियो पोस्‍ट कर इसे प्रायोजित बताया है। उन्‍होंने लिखा है,

‘शाहीन बाग प्रोटेस्‍ट एक्‍सपोज्‍ड, सारा खेल पैसों का है। उन्‍होंने वीडियों के साथ ट्वीट किया कि यह सारा खेल कांग्रेस का है और इसे स्‍पोन्‍सर किया गया है’।

कुछ यूजर्स का कहना है कि यह आंदोलन दरअसल, एनआरसी और सीएए के खिलाफ है ही नहीं। इसकी ध्‍वनि से साफ जाहिर है कि यह हिन्‍दू विरोधी प्रदर्शन है। शाहीन बाग के प्रदर्शन का सच क्‍या है यह तो बाद में सामने आए शायद, लेकिन फिलहाल सवाल यह है कि आखिर कौन है इसके पीछे और क्‍या है इसका मकसद।