खुद के बच्चे विदेशों में ऐश कर रहे हैं, कश्मीरियों से फिंकवाते हैं पत्थर, जानिए बड़ा सच
नई दिल्ली। गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीरी अलगाववादियों के चेहरे बेनकाब करने की योजना पर काम शुरू कर दिया। पिछले दिनों उन्होंने संसद में कहा था कि 130 अलगाववादियों के बच्चे विदेशों में उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं या फिर बड़ी-बड़ी नौकरियां कर रहे हैं। शाह ने संसद में कुछ के नाम भी गिनाए थे।
एक अन्य जानकारी के मुताबिक हुर्रियत नेताओं समेत 112 अलगाववादी एवं उनसे सहानुभूति रखने वाले कश्मीरियों के 220 बच्चे या तो विदेशों में मेडिकल एवं अन्य तालीम हासिल कर रहे हैं या फिर अच्छे-अच्छे विदेशी संस्थानों में मोटी रकम पर नौकरी कर रहे हैं।
शाह ने कश्मीरियों से अपील की कि ये वे ही लोग हैं, जो घाटी में स्कूल बंद करवाकर आपसे पत्थर फिंकवाते हैं जबकि इनके बच्चे विदेशों में ऐश करते हैं। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा था कि जो भारत को तोड़ने की बात करेगा, उसको उसी भाषा में जवाब देंगे और जो भारत के साथ रहना चाहते हैं, उनके कल्याण की चिंता हम करेंगे।
जानिए इन चेहरों के बारे में : हर जुम्मे को श्रीनगर की जामिया मस्जिद से युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काने वाला मीरवाइज उमर फारुख की पत्नी अमेरिकी नागरिक है। मीरवाइज की बहन राबिया फारुख लंदन में डॉक्टर है। दुख्तराने मिल्लत की आसिया अंदराबी के 3 बेटे विदेशों में पढ़ रहे हैं या काम कर रहे हैं।
तिहाड़ में बंद शब्बीर शाह की बेटी समा शब्बीर मेनचेस्टर यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रही है। हाशिम कुरैशी के 2 बेटे इकबाल और बिलाल लंदन में रहते हैं। अशरफ सहराई का बेटा कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद दुबई में मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करता है।
गुलाम मोहम्मद सीमजी का बेटा जुगनू दिल्ली में मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा है। अलगाववादी अयाज अकबर का बेटा सरवर याकूब पुणे में रहता है और वहीं पढ़ाई करता है। दुख्तरान-ए-मिल्लत की नेता फरीदा का बेटा रूमा मकबूल दक्षिण अफ्रीका में डॉक्टर है।
अलगाववादियों के मुखिया सैयद अली शाह गिलानी का बड़ा बेटा नईम तथा बहू बजिया पाकिस्तान के रावलपिंडी में डॉक्टर हैं। छोटा बेटा जहूर परिवार के साथ दिल्ली में रहता है। बेटी फरहत जेद्दा में शिक्षक है। भाई गुलाम नवी लंदन में रहता है। पोता ताबुश गिलानी दुबई में शानदार जिंदगी बिता रहा है। दूसरा पोता अनीस उल इस्लाम जम्मू-कश्मीर सरकार के टूरिज्म डिपार्टमेंट में रिसर्च ऑफिसर पद पर तैनात है जिसका वेतन 12 लाख के लगभग है।
इसी तरह अलगाववादी ख्वाजा फरदौस वानी की बेटी भी पाकिस्तान में डॉक्टरी पढ़ रही है, निसार हुसैन राठेर की बेटी ईरान में काम करती है और अपने पति के साथ वहीं बस गई है। मुस्लिम लीग के मुहम्मद यूसुफ मीर और फारूक गपतुरी की बेटियां भी पाकिस्तान में डॉक्टरी पढ़ रही हैं।