पटेल जयंती पर मोदी बोले, सरदार का नाम मिटाने का प्रयास हुआ
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि देश को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को नई पीढ़ी से परिचित नहीं कराया गया और उनके नाम को इतिहास से मिटाने का प्रयास किया गया।
मोदी देश के पहले गृह मंत्री रहे सरदार पटेल की 142वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एकता दिवस पर यह बात कही। उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह, अन्य केंद्रीय मंत्रियों तथा खेल जगत की कुछ महान हस्तियों की मौजूदगी में नेशनल स्टेडियम से इंडिया गेट तक एकता दौड़ को झंडी दिखाकर रवाना किया। मोदी वहां मौजूद लोगों को देश की एकता और अखंडता को अक्षुण बनाए रखने की शपथ दिलाई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने पहले देश की आजादी के लिए और बाद में बिखरी रियासतों तथा आंतरिक संघर्ष से जूझ रहे देश को एकता के सूत्र में पिरोने के लिए आपना जीवन खपा दिया था। उन्होंने अपने कौशल, दूरदृष्टि और कूटनीतिक से 500 से अधिक रियासतों को शामिल कर विश्व पटल पर भारत को मजबूत राष्ट्र के रूप में खड़ा किया।
मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि नई पीढ़ी को सरदार पटेल से परिचित नहीं कराया गया। उनके नाम को इतिहास के झरोके से मिटाने या छोटा करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि लेकिन सरदार पटेल ऐसी हस्ती थे कि भले ही शासन या कोई राजनीतिक दल उन्हें मंजूर करे या न करे वह देश की युवा पीढ़ी के मन में पूरी तरह से विराजमान है। और युवा उन्हें इतिहास से ओझल नहीं होने देंगे।
मोदी ने कहा कि 8 साल बाद सरदार पटेल की 150 वीं जयंती मनायी जायेगी और उस समय उनकी सरकार देश को एकता की नई मिसाल देगी। पांच साल बाद देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ भी भव्य तरीके से मनाई जाएगी। उन्होंने देशवासियों का आवाह्न किया कि वे राष्ट्र निर्माण का संकल्प लें और इस संकल्प को सिद्ध करने में जुट जाएं। यह समय की मांग है कि हर हिन्दुस्तानी देश , समाज और उसकी गरिमा को बनाये रखने का संकल्प ले।
प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद लोगों को यह शपथ दिलाई, 'मैं सत्य निष्ठा से शपथ लेता हूं कि राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाये रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा। देशवासयिों के बीच यह संदेश फैलाने का भरसक प्रयास करूंगा। मैं देश में आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चति करने के लिए योगदान का सत्यनष्ठिा से संकल्प करता हूं।'
इस मौके पर आयोजित दौड़ में खेल हस्तियों सरदार सिंह, दीपा कर्माकर, सुरेश रैना, कर्णम मल्लेश्वरी आदि ने भी हस्सिा लिया। डेढ़ किलोमीटर लंबी दौड में लगभग 1500 लोगों ने हिस्सा लिया। एकता दिवस पर देश भर में इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके अलावा विदेशों में भारतीय दूतावासों और मिशनों में भी एकता दिवस मनाया गया। (वार्ता)