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Last Modified: शनिवार, 28 दिसंबर 2019 (08:59 IST)

NPA पर RBI की रिपोर्ट से बढ़ सकती है मोदी सरकार की परेशानी

NPA पर RBI की रिपोर्ट से बढ़ सकती है मोदी सरकार की परेशानी - RBI report on NPA
मुंबई। NPA पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा शुक्रवार को जारी यह रिपोर्ट आर्थिक मोर्चे पर संघर्ष कर रही मोदी सरकार की परेशानी और बढ़ा सकती है। बैंकिंग प्रणाली में संकटग्रस्त रियल्टी क्षेत्र को दिए गए ऋणों में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) का अनुपात जून 2018 के 5.74 प्रतिशत से बढ़कर जून 2019 में 7.3 प्रतिशत पर पहुंच गया।
 
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी। उसने कहा कि सरकारी बैंकों के मामले में यह स्थिति और बिगड़ी है। इस दौरान सरकारी बैंकों का इस तरह का एनपीए 15 प्रतिशत से बढ़कर 18.71 प्रतिशत पर पहुंच गया।
 
रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में रियल्टी क्षेत्र से संबंधित ऋणों में एनपीए का अनुपात कुल बैंकिंग प्रणाली में 3.90 प्रतिशत तथा सरकारी बैंकों में 7.06 प्रतिशत था, जो 2017 में बढ़कर क्रमश: 4.38 प्रतिशत और 9.67 प्रतिशत पर पहुंच गया।
 
रिपोर्ट में कहा गया कि रियल्टी क्षेत्र को दिया गया कुल कर्ज लगभग दोगुना हो गया है। इसमें आवास वित्त कंपनियों और निजी बैंकों की कुल हिस्सेदारी बढ़ी है, जबकि सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी कम हुई है। जहां बैंकिंग प्रणाली के ऋण वितरण की वृद्धि में कमी आई है, रियल्टी क्षेत्र में ऋण वितरण की वृद्धि में तेजी बरकरार रही।
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