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Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 12 जनवरी 2018 (15:48 IST)

सुप्रीम कोर्ट जजों की प्रेस कॉन्फेंस, क्या बोले विशेषज्ञ

सुप्रीम कोर्ट जजों की प्रेस कॉन्फेंस, क्या बोले विशेषज्ञ - Press confrence on Supreme court judge
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों द्वारा इस न्यायालय के कार्यकलाप को लेकर शुक्रवार को  प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर कांग्रेस तथा कई वरिष्ठ विधि विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है।
 
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा न्यायालय के कामकाज को लेकर पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पर चिंता जताई और कहा कि यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। पार्टी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के कार्यकलापों पर कोर्ट के चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस चिंताजनक है।
 
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि हम प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले न्यायाधीशों की आलोचना नहीं कर सकते। चारों न्यायाधीशों का अपने क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान है। हमें हर हाल में उनका सम्मान करना है। अब प्रधानमंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए चारों न्यायाधीश और मुख्य न्यायधीश एक विचार के साथ और एक होकर काम करें।
 
उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मुकुल मुदगन ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के समक्ष प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के सिवा कोई विकल्प नहीं था तो कुछ गंभीर बात जरूर रही होगी। लेकिन न्यायमूर्ति लोया मामले से इसका क्या संबंध हो सकता है। मैं इस बारे में कुछ नहीं जानता हूं और न ही मैं किसी राजनीतिक मुद्दे पर कोई टिप्पणी करना चाहता हूं।
 
पूर्व सॉलिसीटर जनरल सोली सोराबजी ने कहा कि न्यायाधीशों की प्रेस कॉन्फ्रेंस से निराश हूं। उच्चतम न्यायालय में विभाजक स्थिति नहीं होनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने कहा कि न्यायाधीशों के इस कदम से न्यायपालिका में बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का मामला लोगों के विश्वास से जुड़ा है और यह दुखद है।
 
वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने न्यायाधीशों के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि देश की जनता को यह जानने का हक है कि उच्चतम न्यायालय में क्या चल रहा है। उन्होंने कहा कि इससे देश की सबसे बड़ी अदालत के भीतर जो कुछ चल रहा है वह सबके सामने आएगा। (वार्ता)
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