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Last Updated : मंगलवार, 15 सितम्बर 2020 (01:04 IST)

PM मोदी ने हरिवंश का किस्सा साझा किया, हाई स्कूल में पहली बार पहने थे जूते

PM मोदी ने हरिवंश का किस्सा साझा किया, हाई स्कूल में पहली बार पहने थे जूते - PM shared story of Harivansh Narayan Singh
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने राज्यसभा (Rajyasabha) में दोबारा उपसभापति निर्वाचित होने पर जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता एवं सत्तारूढ़ राजग के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह (Harivansh Narayan Singh) को सोमवार को बधाई देते हुए सदन चलाने की उनकी शैली की सराहना की।

उन्होंने उम्मीद जताई कि हरिवंश उच्च सदन की कार्यवाही संचालित करने के दौरान सभी का ध्यान रखेंगे और किसी से भेदभाव नहीं करेंगे। इस मौके पर मोदी ने उनके बचपन का किस्सा भी साझा करते हुए बताया कि हरवंश ने जीवन में पहली बार जूते हाई स्कूल में पहने थे।
 
नीम के पेड़ के नीचे हुई शुरुआती शिक्षा : प्रधानमंत्री मोदी ने हरिवंश की सादगी और उनके जमीन से जुड़े होने की चर्चा करते हुए कहा कि एक समय था, जब गांव में नीम के पेड़ के नीचे उन्होंने शुरुआती शिक्षा हासिल की। जमीन पर बैठकर जमीन को समझने, जमीन से जुड़ने की शिक्षा उन्हें वहीं से मिली हुई थी।
 
बार-बार देखने के लिए जाते थे जूते : हरिवंश की पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि हाई स्कूल में आने के पहले उनके पास जूते तक नहीं थे। ‘गांव के ही एक व्यक्ति जब उनके लिए जूते बना रहे थे तो हरिवंश जी अक्सर उस बनते हुए जूते को देखने जाते थे। जैसे बड़े और रईस लोग अपना बंगला बनता है तो बार-बार देखने के लिए जाते हैं, हरिंवश जी अपने जूते कैसे बन रहे हैं, कहां तक पहुंचे हैं, वो देखने के लिए पहुंच जाते थे। जूते बनाने वाले से हर रोज सवाल करते थे कि कब तक बन जाएंगे। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हरिवंश जी जमीन से इतना क्‍यों जुड़े हुए हैं।’
ईमानदारी की पहचान ने बढ़ाया सम्मान : हरिवंश को निर्वाचित होने पर बधाई देते हुए मोदी ने कहा, ‘सामाजिक कार्यों ओर पत्रकारिता की दुनिया में हरिवंश जी ने जो ईमानदारी की पहचान बनाई है, उस वजह से मेरे मन में उनके प्रति हमेशा बहुत सम्मान रहा है। मैंने महसूस किया है कि हरिवंश के लिए जो सम्मान और अपनापन मेरे मन में है, वह सदन के हर सदस्य के मन में भी है। यह उनकी अपनी कमाई हुई पूंजी है। उनकी जो कार्यशैली है तथा जिस तरह से वह सदन को चलाते हैं, उसे देखते हुए यह स्वाभाविक भी है। सदन में निष्पक्ष रूप से आपकी भूमिका लोकतंत्र को मजबूत करती है।’
 
हरि सबके होते हैं, वैसे ही सदन के हरि रहेंगे : उन्होंने कहा कि उपसभापति के रूप में पिछले कार्यकाल के दौरान हरिवंश की भूमिका से लोकतंत्र को मजबूती मिली। उन्होंने कहा, ‘उच्च सदन में जिस जिम्मेवारी के लिए हरिवंश जी पर सदन ने जो भरोसा जताया था उसे उन्होंने हर स्तर पर पूरा किया है। मुझे भरोसा है जैसे हरि सबके होते हैं, वैसे ही सदन के हरि (वंश) भी, पक्ष-विपक्ष सबके रहेंगे। इस पार और उस पार सबके ही समान रूप से रहे। कोई भेदभाव नहीं। कोई पक्ष विपक्ष नहीं।’
 
अच्छी अम्पायरिंग का भरोसा था : मोदी ने कहा कि सांसदों के नियमों में खेलने के लिए मजबूर करना चुनौतीपूर्ण होता है। ‘मुझे तो भरोसा था कि वह अम्पायरिंग अच्छी करेंगे। लेकिन जो लोग हरिवंश जी से अपरिचित थे अपनी निर्णय क्षमता से उनका भी उन्होंने भरोसा जीत लिया। हरिवंश जी ने अपने दायित्व को कितनी सफलता से पूरा किया है ये दो साल इसके गवाह हैं। विधेयकों पर चर्चा कराने के लिए लंबे समय तक सदन में बैठे रहें, कुशलता से सदन का संचालन किया। इस दौरान देश की दिशा को बदलने वाले कई विधेयक भी पारित हुए।’
 
अंतरराष्ट्रीय पटल पर देश का मान बढ़ाया : उन्होंने कहा कि बतौर उपसभापति हरिवंश ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर भी भारत और भारतीय संसद का मान बढाया। मोदी ने कहा कि हरिवंश संसदीय कामकाज और जिम्‍मेदारियों के बीच भी एक बुद्धिजीवी और विचारक के तौर पर भी उतना ही सक्रिय रहते हैं तथा भारत के आर्थिक, सामाजिक, सामरिक और राजनीतिक चुनौतियों के बारे में जनमानस को जागरूक करते हैं। 
 
हरिवंश जी का मार्गदर्शन मिलेगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘इनके अंदर का पत्रकार, लेखक ज्‍यों का त्‍यों बना हुआ है। मेरा और इस सदन के सभी सदस्‍यों का सौभाग्‍य है कि उपसभापति के रूप में हरिवंश जी का मार्गदर्शन आगे भी मिलेगा।’