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Last Modified: चेन्नई , रविवार, 21 जनवरी 2024 (23:29 IST)

तमिलनाडु में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के प्रसारण पर रोक, CM स्टालिन पर BJP ने लगाए गंभीर आरोप

Ban on telecast of Ramlala Pran Pratistha in Ayodhya Ram Mandir Pran Pratistha
Ayodhya Ram Mandir:  भाजपा ने रविवार को आरोप लगाया कि तमिलनाडु हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ धर्मादा विभाग और पुलिस पूरे राज्य में निजी समूहों, व्यक्तियों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह मनाने के लिए 22 जनवरी को कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दे रही है।
 
भाजपा ने आरोप लगाया कि पुलिस विभाग ने सोमवार को, अयोध्या समारोह सार्वजनिक स्थानों पर एलईडी स्क्रीन पर दिखाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
 
पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुलिस अधीक्षकों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण रोकने का निर्देश दिया है।
 
उन्होंने ‘एक्स’ पर स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए, उनके बयान का खंडन करने की राज्य सरकार को चुनौती दी और पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का साहस दिखाने को कहा। आरोपों पर पुलिस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
 
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में भाजपा ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु सरकार द्वारा प्रबंधित मंदिरों ने अयोध्या में राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन भगवान राम की पूजा निषिद्ध कर दी है।
 
वहीं, राज्य सरकार ने इस दावे को छिपे हुए इरादों वाली झूठी खबर करार देते हुए खारिज कर दिया।
 
आरोप को खारिज करते हुए तमिलनाडु के धार्मिक एवं धर्मार्थ धर्मादा मंत्री पी.के. शेखर बाबू ने कहा कि श्री राम की पूजा करने पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
 
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मंदिरों, धर्मादा विभाग ने भगवान राम की पूजा करने पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है। उन्होंने साथ ही कहा कि अन्नदानम और प्रसादम वितरित करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
 
भाजपा पदाधिकारी ए. अश्वथामन ने शेखर बाबू के बयान का विरोध किया और आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें कल्लाकुरिची जिले के कल्वारायण पहाड़ियों पर स्थित सीता देवी मंदिर में सोमवार को पूजा करने से रोका।
 
सीतारमण ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘‘तमिलनाडु सरकार ने 22 जनवरी 2024 के अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण देखने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
 
वहीं, शेखर बाबू ने सार्वजनिक स्क्रीनिंग और अन्य संबद्ध कार्यक्रमों को रोकने के पुलिस पर लगाये गये आरोपों पर प्रतिक्रिया नहीं दी।
 
अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम का भाजपा और अन्य संगठनों द्वारा व्यवस्था की गई बड़ी एलईडी स्क्रीन पर सीधा प्रसारण करने के ‘अनुरोध को अस्वीकार करने के लिए तमिलनाडु पुलिस तुच्छ कारणों’ का हवाला दे रही है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘द्रमुक सरकार को पुलिस विभाग को अपने प्रतिनिधि के रूप में इस्तेमाल करना बंद करना चाहिए और भगवान श्री राम के श्रद्धालुओं को परेशान करना बंद करना चाहिए।’’
 
प्रदेश भाजपा प्रमुख ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) द्वारा पुलिस अधीक्षकों को दिए गए निर्देशों के ये स्क्रीनशॉट हैं, जिसमें प्रामाण प्रतिष्ठा समारोह में पूरे तमिलनाडु में बाधा डालने का निर्देश दिया गया है...।’’
 
सीतारमण ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘तमिलनाडु में श्री राम के 200 से अधिक मंदिर हैं। हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ धर्मादा (एचआर एंड सीई) प्रबंधित मंदिरों में श्री राम के नाम पर कोई भी पूजा/भजन/प्रसादम/अन्नदानम की अनुमति नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निजी रूप से प्रबंधित मंदिरों को भी कार्यक्रम आयोजित करने से पुलिस रोक रही है। वे आयोजकों को पंडाल तोड़ने की धमकी दे रहे हैं। हिंदू विरोधी, इस घृणित कार्रवाई की कड़ी निंदा करती हूं।’’ केंद्रीय मंत्री ने इस बारे में तमिल समाचार पत्र की एक खबर अपने पोस्ट में संलग्न की।
वहीं, शेखर बाबू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अभी सलेम में हो रहे द्रमुक की युवा शाखा के सम्मेलन से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह अफवाह फैलाई जा रही है।’’
 
उन्होंने खबर को पूरी तरह से फर्जी और छिपे हुए इरादों वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह अफसोसजनक है कि एक उच्च पद पर आसीन सीतारमण इस तरह की फर्जी खबरों का प्रसार कर रही हैं। भाषा
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