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Last Updated : रविवार, 2 सितम्बर 2018 (14:22 IST)

मथुरा में एक विशेष 'संकल्प' के साथ मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी

मथुरा में एक विशेष 'संकल्प' के साथ मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी - Krishna Janmotsav in Mathura Krishna
मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मथुरा में इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्मस्थान, ठाकुर द्वारिकाधीश एवं ठाकुर बांकेबिहारी सहित सभी प्रमुख मंदिरों में 3 सितंबर (भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि) की मध्यरात्रि को वृक्ष लगाने, जीवन बचाने और पर्यावरण को सुरक्षित बनाने के संकल्प के साथ मनाया जाएगा।
 
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना के साथ ‘सर्वकल्याण’ की कामना लेकर मनाए जाने वाले इस महापर्व के लिए मंदिरों सहित घर-घर में तैयारियां जोर-शोर से हुई हैं। मथुरा में कटरा केशवदेव के विशाल टीले पर स्थित भागवत-भवन में आयोजित होने वाला ‘श्रीकृष्ण जन्मोत्सव’ आकर्षण का मुख्य केंद्र होता है। 
 
मथुरा के ठाकुर द्वारिकाधीश, वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी, इस्कॉन के ठाकुर कृष्ण-बलराम मंदिर, गोकुल के गोकुलनाथजी, बरसाना के लाड़िलीजूं आदि सभी मंदिरों में यह महापर्व धूमधाम से मनाया जाता है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि जन्मोत्सव पर ठाकुरजी सुनहरी आभा वाले बंगले की सजावट के मध्य कमल की आकृति वाली पोशाक में अभिषेक स्थल पर विराजेंगे।’ 
 
शर्मा ने बताया कि जन्माष्टमी का मुख्य संकल्प ‘वृक्ष लगाएं-जीवन बचाएं और पर्यावरण को सुरक्षित बनाएं’ होगा। अभिषेक के दर्शन के लिए द्वार मध्यरात्रि पश्चात डेढ़ बजे तक खुले रहेंगे। प्रातःकाल नंदोत्सव मनाया जाएगा। सचिव ने बताया कि जन्मस्थान परिसर में स्थित ठाकुर केशवदेव मंदिर में फूलों एवं वस्त्रों से निर्मित भव्य बंगले में ठाकुरजी विराजमान होंगे। भगवान की प्राकट्य भूमि के रूप में जाने जाने वाले कंस के कारागार के प्रसिद्ध गर्भगृह की सज्जा भी चित्ताकर्षक होगी।
 
कपिल शर्मा ने बताया कि 3 सितंबर को प्रातः मंगला-दर्शन से पूर्व भगवान के दर्शन किए जा सकेंगे। इससे पूर्व संध्या पर रविवार को सायं  6 बजे भगवान को दिव्य पोशाक अर्पित करने के लिए ठा. केशवदेव मंदिर से भागवत भवन ले जाया जाएगा।
 
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान की प्रबंध समिति के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि कृष्ण पर्यावरण के हितैषी रहे हैं इसीलिए यह संदेश प्रसारित, प्रचारित किया जाएगा कि ‘वृक्ष लगाएं-जीवन बचाएं-पर्यावरण को सुरक्षित बनाएं’। उन्होंने प्रशासन से शहर के सभी मार्गों को साफ रखने की अपील की है ताकि नंगे पैर मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को असुविधा न हो। 
 
मथुरा के दूसरे सर्वाधिक प्रसिद्ध पुष्टिमार्ग सम्प्रदाय के ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर में भी कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां चरम पर हैं। मंदिर के मीडिया प्रभारी एडवोकेट राकेश तिवारी बताते हैं कि मंदिर में हिण्डोले और विभिन्न छटाओं के दर्शन किए जा सकते हैं। 
 
वृंदावन के अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के प्रबंधक उमेश सारस्वत ने बताया कि जन्माष्टमी के दिन श्रद्धालुओं को प्रातःकाल एवं सायंकाल नियमानुसार होने वाली राजभोग एवं शयनभोग की सभी सेवाओं के दर्शन होंगे। रात 12 बजे ठाकुरजी का अभिषेक होगा, लेकिन भक्तों को प्रभु के दर्शन करने का मौका 1.45 बजे से मिलेगा। 
 
उन्होंने बताया कि वर्ष में केवल एक बार होने वाली ठाकुर बांकेबिहारी की मंगला आरती के आरती के दर्शन रात 1.55 बजे करने को मिलेंगे। द्वार प्रातःकाल 5 बजे तक खुले रहेंगे और फिर 7.45 से दोपहर 12.00 बजे तक नन्दोत्सव मनाया जाएगा।
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