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Last Updated :मथुरा , सोमवार, 3 सितम्बर 2018 (00:57 IST)

देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम, मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी की धूम, मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु - Krishna Janamastmi
मथुरा/नई दिल्ली। रविवार रात से ही कृष्ण जन्माष्टमी की धूम में पूरा देश झूमने लगा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी 2 और 3 सितंबर मनाई जा रही है। देशभर के मंदिरों में भी देर शाम से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया था और वे कृष्ण भक्ति में डूबे हुए थे। कई मंदिरों में आज रात कृष्ण जन्म हुआ तो कई स्थानों पर कल जन्माष्टमी मनाई जाएगी। जब भी दो दिन का जन्माष्टमी का प्रसंग आता है, तब पहले दिन स्मार्त सम्प्रदाय के लोगों के लिए और दूसरे दिन वाली जन्माष्टमी वैष्णव सम्प्रदाय के लोगों के लिए होती है। 
 
मथुरा में सोमवार को मनाई जाने वाली जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों पर हैं और इस अवसर पर दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मथुरा-वृन्दावन एवं ब्रज के अन्य धर्मस्थलों की ओर उमड़ रहे हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे श्रद्धालुओं का यहां तांता सा लगा हुआ है। 
 
मथुरा-वृन्दावन की ओर आने वाले हर मार्ग पर लगातार जाम की स्थिति बनी हुई है। लोग मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश मंदिर, वृन्दावन के बांकेबिहारी, राधावल्लभ लाल, शाहबिहारी, राधारमण, अंग्रेजों के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस्कॉन मंदिर, 21वीं सदी में बनाए गए स्नेह बिहारी व प्रेम मंदिर, बरसाना के लाड़िली जी, नन्दगांव के नन्दबाबा मंदिर, गोकुल के नन्दभवन आदि की ओर पैदल ही जा रहे हैं। हर तरफ कान्हा के जन्म को लेकर उल्लास छाया हुआ है। जगह-जगह प्रभु का प्रसाद बांटा जा रहा है।
 
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुरक्षा के खासे प्रबंध किए गए हैं। मथुरा-वृन्दावन नगर निगम की ओर से श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर जाने वाले हर चौराहे- रास्ते को बड़ी ही शिद्दत से सजाया गया है। सोमवार की रात्रि में भगवान के जन्म के अवसर 12.00 बजे से 12.10 बजे तक प्रकट्योत्सव, 12.15 से 12.30 बजे तक महाभिषेक कराया जाएगा। तत्पश्चात 12.40 से 12.50 बजे तक श्रृंगार आरती और फिर 1.30 बजे तक दर्शन होंगे। 
 
द्वारिकाधीश मंदिर में सुबह 6.00 से 6.15 बजे मंगला, 6.30 से श्रृंगार और 8.30 बजे से ग्वाल राजभोग के दर्शन होंगे। शाम को 7.30 बजे से भोग संध्या आरती और शयन के दर्शन होंगे। रात को 10 बजे से जागरण और 11.45 बजे भगवान जन्म के दर्शन होंगे।
 
दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में सोमवार रात जन्मोत्सव मनाने के बाद अगले दिन नंदोत्सव के दौरान लट्ठा के मेला का आयोजन होगा। अन्य मंदिरों में जन्माष्टमी के लिए तैयारियां की गई हैं।
 
इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता ने बताया कि जन्मोत्सव पर अष्टप्रहर आरती होगी। लंदन में तैयार हुई ठाकुरजी की पोशाक धारण कराई जाएगी। रात 9 बजे से हरिनाम संकीर्तन के साथ 12 बजे तक ठाकुरजी का महाभिषेक होगा। इसके बाद महाआरती होगी। 
 
ब्रज के हर घर में कान्हा के जन्म का उत्सव मनाया जाएगा। यहां परंपरा है कि दिन भर व्रत रखकर मध्य रात्रि में खीरे का चीरा लगाकर शालिग्राम की बटिया के रूप में ठाकुर के जन्म की परंपरा निभाई जाती है।
 
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने बताया, ‘कृष्ण जन्माष्टमी से संबंधित सारी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर सहित पूरे शहर को तीन जोन व 16 सेक्टर में बांटकर 3000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।’ 
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