कश्मीरी पंडितों ने अनुच्छेद 370 समाप्त करने का स्वागत किया
नई दिल्ली। कश्मीर घाटी से 1990 के दशक में विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों ने सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का स्वागत किया और उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे मूल स्थान पर सम्मान और गरिमा के साथ उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा।
दुनियाभर में समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली एक संस्था ‘ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा’(जीकेपीडी) ने एक बयान में कहा कि यह निर्णय भारतीय संघ की क्षेत्रीय, राजनीतिक और सांस्कृतिक एकता को मजबूत करता है।
बयान में कहा गया है, ‘संसद में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा प्रस्तुत मसौदा विधेयक भारत की अखंडता और संप्रभुता के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले हमारे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी और अन्य महान नेताओं के आदर्शों की पुष्टि करता है।’
जम्मू कश्मीर विचार मंच के अध्यक्ष मनोज भान ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 समाप्त होने के साथ ही भारत सरकार जम्मू कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों के करीब लाने में समर्थ होगी।’
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडित समुदाय को उम्मीद है कि मोदी सरकार जल्द ही घाटी में उनकी वापसी के लिए एक ‘रोड मैप’ तैयार करेगी। भान ने कहा, ‘हम घाटी में एक अलग समझौता चाहते हैं जहां सभी कश्मीरी पंडित एक साथ रह सकें।’