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  4. Is your 500 rupee note fake? Fake notes increased by 37%, how you can easily identify fake currency
Last Updated :नई दिल्ली , सोमवार, 2 जून 2025 (15:23 IST)

क्या आपका 500 रुपए का नोट नकली तो नहीं? 37% बढ़ गए जाली नोट, इस तरह आसानी से पहचानें Fake currency

How to identify fake notes
Fake notes increased by 37% : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की ताजा वार्षिक रिपोर्ट ने देश में नकली मुद्रा के बढ़ते खतरे को उजागर किया है, विशेष रूप से ₹500 के नए डिजाइन वाले नोटों के मामले में। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में ₹500 मूल्य के जाली नोटों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 37 प्रतिशत से अधिक की उछाल दर्ज की गई है। यह संख्या अब बढ़कर 1.18 लाख तक पहुंच गई है, जो वर्ष 2020 के बाद से सबसे अधिक है। पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में ₹500 के जाली नोटों की संख्या 85 हजार 711 थी। यह आंकड़ा न केवल चिंताजनक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ₹500 का नोट जालसाजों का प्रमुख निशाना बन गया है।
 
जाली नोटों का बढ़ता चलन : आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ₹500 के नोट सबसे अधिक जाली नोटों की श्रेणी में शीर्ष पर हैं। अन्य मूल्य वर्ग में भी जाली नोटों का पता चला है, जिनमें ₹100 के 51,069 नोट, ₹200 के 32,660 नोट और ₹2000 के 3 हजार 508 नोट शामिल हैं। हालांकि, 2000 रुपए का नोट तो चलन से ही बाहर हो चुका है। कुल जाली नोटों की संख्या में मामूली कमी देखी गई है। वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 2.18 लाख जाली नोट पकड़े गए, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 2.23 लाख थी। फिर भी, ₹500 के नोटों में जालसाजी की यह तेज़ वृद्धि चिंता का विषय है। 
 
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कुल जाली नोटों में से 95.3 प्रतिशत (2.07 लाख नोट) बैंकों में पकड़े गए, जबकि शेष आरबीआई के पास पकड़े गए। यह दर्शाता है कि बैंकिंग प्रणाली में नकली नोटों की पहचान के लिए मजबूत तंत्र मौजूद हैं, लेकिन जालसाजों की बढ़ती गतिविधियां चुनौती बनी हुई हैं।
 
₹500 का नोट भारत में सबसे अधिक प्रचलन में है। यह कुल चलन में मौजूद नोटों की संख्या का 40.9 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 86 प्रतिशत हिस्सा रखता है। इसकी लोकप्रियता इसे जालसाजों के लिए आकर्षक लक्ष्य बनाती है। पिछले साल नवंबर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया था कि वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के दौरान ₹500 के जाली नोटों में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह रुझान वित्त वर्ष 2024-25 में भी जारी रहा, जो अर्थव्यवस्था और आम जनता के लिए खतरे की घंटी है।
 
सिक्कों में भी वृद्धि : रिपोर्ट में सिक्कों के प्रचलन में भी वृद्धि की बात कही गई है। वित्त वर्ष 2024-25 में सिक्कों की मात्रा में 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि उनकी कुल कीमत में 9.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ। ₹1, ₹2 और ₹5 के सिक्के सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाते हैं, जो कुल सिक्कों का 81.6 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। यह दर्शाता है कि छोटे मूल्यवर्ग के सिक्के दैनिक लेनदेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
 
जालसाजी के खिलाफ क्या हो रहे हैं उपाय?
जाली नोटों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आरबीआई और सरकार ने कई कदम उठाए हैं। नए डिजाइन वाले नोटों में उन्नत सुरक्षा सुविधाएं शामिल की गई हैं, जैसे कि वॉटरमार्क, सुरक्षा धागा और माइक्रोटेक्स्ट, जो नकली नोटों की पहचान को आसान बनाते हैं। इसके अलावा, बैंकों और वित्तीय संस्थानों में नोट छंटाई मशीनों का उपयोग बढ़ाया गया है। फिर भी, जालसाजों की तकनीक भी उन्नत हो रही है, जिसके कारण नकली नोटों का पता लगाना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। 
 
आम जनता के लिए सुझाव
आरबीआई ने आम जनता से अपील की है कि वे नोटों की प्रामाणिकता की जांच करें। ₹500 के नोट में निम्नलिखित सुरक्षा सुविधाएं देखी जा सकती हैं:  
  • सुरक्षा धागा : नोट पर एक चांदी जैसा धागा होता है, जो रंग बदलता है और उस पर 'RBI' व 'भारत' लिखा होता है। वॉटरमार्क : नोट को रोशनी में देखने पर महात्मा गांधी का चित्र और '500' अंक दिखाई देता है।  
  • माइक्रोटेक्स्ट : नोट पर छोटे अक्षरों में 'RBI' और '500' लिखा होता है, जिसे मैग्नीफाइंग ग्लास से देखा जा सकता है।  
  • फ्लोरोसेंट स्याही : नोट का नंबर यूवी लाइट में चमकता है।
₹500 के जाली नोटों में 37 प्रतिशत की वृद्धि एक गंभीर मुद्दा है, जो भारत की अर्थव्यवस्था और नागरिकों के विश्वास को प्रभावित कर सकता है। आरबीआई और सरकार को जालसाजी रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही, आम जनता को भी सतर्क रहकर नकली नोटों की पहचान करने में सक्रिय भूमिका निभानी होगी। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हमारी जेब में मौजूद ₹500 का नोट वास्तव में असली हो।