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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 12 जून 2021 (01:10 IST)

योगी को मोदी-शाह का मिला 'मार्गदर्शन', दिल्ली से और पॉवरफुल होकर UP लौटे योगी?

2022 में योगी के नेतृत्व में भाजपा लड़ेगी विधानसभा चुनाव?

योगी को मोदी-शाह का मिला 'मार्गदर्शन', दिल्ली से और पॉवरफुल होकर UP लौटे योगी? - Inside story of CM Yogi Adityanath Delhi visit
दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात के बाद क्या उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से चल रही नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें अब पूरी तरह खारिज हो चुकी है? क्या भाजपा 2022 का उत्तर प्रदेश चुनाव योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर लड़ेगी? क्या दिल्ली दौरे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ताकतवर बनकर उभरे है?यह कुछ ऐसे सवाल है जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिल्ली दौरे के बाद सियासी गलियारों में पूछे जाने लगे है।
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिखा की ‘आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट एवं मार्गदर्शन प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अपनी व्यस्ततम दिनचर्या से भेंट के लिए समय प्रदान करने व आत्मीय मार्गदर्शन करने हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदयतल से आभार’।
 
दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ अलग-अलग करीब डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चर्चा की। वहीं योगी की पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भी एक घंटे तक मुलाकात चली। पार्टी के शीर्ष तीनों नेताओं से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘मार्गदर्शन’ मिलने के ट्वीट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे है। यूपी में मचे राजनीतिक घमासान के बीच पार्टी के शीर्ष नेताओं की मुलाकातों में बात क्या हुई फिलहाल इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है।
 
लखनऊ में वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिल्ली दौरे को लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट रुप से कहना जल्दबाजी होगी। योगी ने जिस तरह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व (मोदी,शाह,नड्डा) के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की उस पर भी गौर करना चाहिए। वहीं योगी के दिल्ली दौरे के दौरान एक महत्वपूर्ण बात यह रही है कि योगी सबसे मिले लेकिन यूपी से ही आने वाले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से अब तक नहीं मिले है,इसके भी अपने कई सियासी मायने तलाशे जा सकते है। 
‘वेबदुनिया’ से बातचीत में रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं कि योगी के दिल्ली दौरे के बाद अभी फिलहाल इतना साफ हो गया है कि योगी मुख्यमंत्री कुर्सी से नहीं हटने वाले है। इसके पीछे कारण बताते हुए कहते हैं कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस बात को अच्छी तरह से समझ चुका है कि पार्टी को चुनावों में योगी को बनाए रखने से ज्यादा नुकसान उनको हटाने से होगा। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में हिंदुत्व भाजपा का एक बड़ा कार्ड होगा और उस हिंदुत्व कार्ड के योगी सबसे बड़े चेहरे होंगे।   
 
वहीं अब जब यूपी विधानसभा चुनाव में ज्यादा वक्त शेष नहीं बचा है तब पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व चुनाव से पहले योगी को हटाकर एक और मुसीबत नहीं लेना चाहेगा। इतना तो तय है कि अगर पार्टी योगी को मुख्यमंत्री पद से हटाती है तो भाजपा के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है और उसके हिंदुत्व के एजेंडे को एक करारा झटका लगा है। 
 
वहीं उत्तर प्रदेश की सियासत को करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र कहते हैं कि आज योगी-मोदी की होने वाली मुलाकात से एक बात एकदम स्पष्ट हो गई है कि योगी हटेंगे नहीं। अगर केंद्रीय नेतृत्व को योगी को हटाना होता तो यह मुलाकातें नहीं हो रही होती। योगी आदित्यनाथ के दो दिन के दिल्ली दौरे से इतना साफ है कि वह हटने वाले नहीं है और न उनकी कुर्सी को फिलहाल कोई खतरा है। 
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