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Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 4 मई 2017 (15:36 IST)

हिन्दी को अनिवार्य करने संबंधी याचिका की सुनवाई से इंकार

हिन्दी को अनिवार्य करने संबंधी याचिका की सुनवाई से इंकार - Hindi
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने देश के सभी स्कूलों में 8वीं कक्षा तक हिन्दी को अनिवार्य बनाने संबंधी जनहित याचिका की सुनवाई से गुरुवार को इंकार कर दिया।
 
मुख्य न्यायाधीश जेएस केहर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि वह इस तरह का कोई आदेश नहीं पारित कर सकती। न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि हम इस तरह का आदेश नहीं दे सकते। कल कोई और आकर कहेगा कि संस्कृत को अनिवार्य बनाया जाए, कोई पंजाबी को अनिवार्य करने की मांग करेगा।
 
न्यायालय ने याचिकाकर्ता भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए सरकार खुद ही काफी प्रयास कर रही है। ये नीतिगत फैसले हैं और इस तरह का कोई आदेश न्यायालय कैसे पास कर सकता है?
 
उपाध्याय की ओर से जिरह कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस सूरी ने बाद में याचिका वापस ले ली। (वार्ता)
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