रोहतक/नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने दो साध्वियों के बलात्कार मामले में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को आज 20 साल सश्रम जेल की सज़ा सुनाई और 30 लाख 20 हजार रुपए जुर्माना लगाया।
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने नई दिल्ली में बताया कि दो बलात्कार मामलों में राम रहीम को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है, जो अलग-अलग चलेगी। एक सजा खत्म होने के बाद दूसरी सजा शुरू होगी। इस तरह उसे 20 साल जेल में रहना पड़ेगा। अदालत ने बलात्कार मामलों में राम रहीम पर 15-15 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
विशेष अदालत ने बलात्कार पीड़िताओं को डराने-धमकाने (धारा 506) के मामले में भी उसे दो-दो साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और 10-10 हजार रुपए का आर्थिक जुर्माना लगाया। हालांकि यह सजा बलात्कार की सजा के साथ ही चलेगी।
न्यायाधीश जगदीप सिंह ने रोहतक की सुनारिया जिला जेल में स्थापित अस्थायी अदालत में बलात्कार के दोनों मामलों में ये सजा सुनाई और जुर्माना लगाया। जुर्माना राशि में से 14-14 लाख रुपए दोनों पीड़िता को मिलेंगे। जुर्माना न भरने की स्थिति में राम रहीम को दो-दो साल की और सजा भुगतनी पड़ेगी।
धारा 506 के मामले में लगाए गए 10-10 हजार के जुर्माने का भुगतान न करने पर उसे तीन-तीन महीने की अतिरिक्त सजा झेलनी पड़ेगी। इससे पहले सजा की अवधि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही।
पहले यह खबर आई थी कि राम रहीम को 10 साल की सजा और 65 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है, लेकिन बाद में सीबीआई ने नई दिल्ली में स्थिति स्पष्ट की कि दोनों बलात्कार मामलों में अलग-अलग सजा सुनायी गई है। सजा की एक अवधि खत्म होने के बाद दूसरी शुरू होगी।
बचाव पक्ष के वकील एस के नरवाना ने ने अदालत से अपने मुवक्किल के प्रति नरमी बरतने की मांग करते हुए कहा कि राम रहीम सामाजिक कार्य में सक्रिय रहे हैं और उनको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हैं। वकील ने कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।
विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने यहां की सुनारिया जेल में बनी अस्थायी अदालत में राम रहीम को सजा सुनाई। बीते शुक्रवार को अदालत ने डेरा प्रमुख को बलात्कार के इस मामले में दोषी ठहराया था, जिसके बाद उनके समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था। स्थानीय मीडिया के अनुसार अदालत का फैसला पढ़ा गया तो राम रहीम रो पड़े और हाथ जोड़कर रहम की गुहार लगाई।
सजा सुनाए जाने के बाद कहीं से हिंसा की खबर नहीं है। दोषी करार दिए जाने के बाद पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर हिंसा हुई थी जिसमें कम से कम 38 लोग मारे गए थे। ज्यादातर लोगों की मौत पुलिस गोलीबारी में हुई थी।
अप्रिय घटनाओं से बचने के मकसद से यह फैसला किया गया था कि राम रहीम को पंचकूला स्थित अदालत में ले जाने की बजाय विशेष सीबीआई न्यायाधीश जगदीप सिंह रोहतक पहुंचकर सजा सुनाएं। सिंह हेलीकॉप्टर से रोहतक पहुंचे।
रोहतक और जेल के आसपास के इलाकों में सुरक्षा के बहुस्तरीय प्रबंध किए गए थे। अर्धसैनिक बलों की 23 कंपनियों की तैनाती की गई थी। जेल की ओर जाने वाले सभी रास्तों को बंद कर दिया गया था और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सेना को तैयार रखा गया था।
हरियाणा और पंजाब हाई अलर्ट पर रहे और अधिकारियों ने सुरक्षा हालात को चुनौतीपूर्ण करार देते हुए चेतावनी दी थी कि हिंसक प्रदर्शनकारियों ने देखते ही गोली मार दी जाएगी। (भाषा)