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Last Updated : शनिवार, 1 जुलाई 2017 (01:40 IST)

लागू हुआ एक देश-एक कर के लक्ष्य वाला जीएसटी

लागू हुआ एक देश-एक कर के लक्ष्य वाला जीएसटी - GST commodity and service tax
नई दिल्ली। एक देश-एक कर के लक्ष्य वाला जीएसटी संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मध्यरात्रि में घंटा बजाए जाने के साथ लागू हो गया तथा प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण कर सुधार की तुलना आजादी से करते हुए कहा कि यह देश के आर्थिक एकीकरण में महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
 
 संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई विशेष बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि यह कराधान के क्षेत्र में एक नया युग है जो कि केंद्र एवं राज्यों के बीच बनी व्यापक सहमति का परिणाम है।
 
उन्होंने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दायरे के लोगों द्वारा किया गया प्रयास है जिन्होंने दलगत राजनीति को परे रखते हुए राष्ट्र को आगे रखा। उन्होंने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र की परिपक्वता और बुद्धिमान का सम्मान है।
 
इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जीएसटी सभी राजनीति दलों के सामूहिक प्रयासों की देन है। उन्होंने कहा कि यह सभी राज्यों एवं केंद्र के वर्षों तक चले विचार-विमर्श का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जीएसटी सहकारी संघवाद का एक बेहतर उदाहरण है।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सरदार वल्लभभाई पटेल ने विभिन्न रियासतों को मिलाकर भारत का एकीकरण संभव कराया था, उसी प्रकार जीएसटी के कारण देश का आर्थिक एकीकरण होगा। उन्होने कहा कि इसमें शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आ सकती है, लेकिन इसके कारण सभी वर्गों के लोगों को लाभ मिलेगा।
 
मोदी ने देश के व्यापारी वर्ग से अपील की कि जीएसटी लागू होने से उन्हें जो लाभ होता है उसका फायदा वे गरीब तबके के लोगों तक पहुंचाएं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी लागू होने की लंबी यात्रा का उल्लेख करते हुए इसमें शामिल सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी लागू होने से दीर्घकाल में महंगाई पर लगाम लगेगी और कर वंचना कम होगी।
 
संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आजादी सहित यह चौथा ऐसा मौका है जब मध्यरात्रि के समय कोई कार्यक्रम हुआ। 14 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि के अलावा, 1972 में स्वतंत्रता की रजत जयंती और 1997 में स्वर्ण जयंती के अवसर पर ऐसे कार्यक्रम हुए थे। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने भले ही इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया हो लेकिन आज केंद्रीय कक्ष में सपा, जदयू, जद-एस, राकांपा, टीआरएस, अन्नाद्रमुक, बीजद के सांसदों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, रतन टाटा सहित प्रमुख उद्योगपति एवं अन्य गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं। इस समारोह में मंच पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री जेटली एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा मौजूद थे। प्रमुख राजनीतिक हस्तियों में, कैबिनेट मंत्रियों के अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा प्रमुख अमित शाह, राकांपा प्रमुख शरद पवार, सपा नेता रामगोपाल यादव, भाजपा नेता यशवंत सिन्हा आदि मौजूद थे।
 
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने से केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले एक दर्जन से अधिक कर समाप्त हो जायेंगे और उनके स्थान में केवल जीएसटी लगेगा। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस कार्यक्रम से दूर रही। कांग्रेस ने जीएसटी की शुरआत के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम को 'तमाशा' करार दिया। कांग्रेस के इसी बहिष्कार के चलते पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह भी इस कार्यक्रम से दूर रहे। तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके और वामपंथी दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया।
 
जीएसटी से देश की. 2,000 अरब की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब लोग सभी एकसाथ जुड़ जाएंगे और पूरा देश एक साझा बाजार बन जाएगा। इस समूची प्रक्रिया को पूरा होने में 17 सालों का लंबा समय लगा है। जीएसटी से वर्तमान बहुस्तरीय कर व्यवस्था समाप्त होगी और कर के ऊपर कर लगने से माल की लागत पर बढ़ने वाला बोझ भी समाप्त होगा।
 
जीएसटी को कारोबार सुगमता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। हालांकि छोटे कारोबारी और व्यापारी इस नई कर प्रणाली को लेकर कुछ घबराहट में हैं। जीएसटी में कर भुगतान प्रणाली को लेकर उपजी आशंकाओं के चलते उत्तर प्रदेश में व्यापारियों ने एक रेलगाड़ी को रोक दिया। कई शहरों में इस दौरान थोक जिंस बाजार बंद रहे। जीएसटी को लेकर कश्मीर में कल बंद का आहववान किया गया है जबकि उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में  छिटपुट बंद के समाचार थे। पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में विरोध प्रदर्शन हुए। (भाषा)