सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में दो शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार किया
नई दिल्ली। सीबीआई ने अखिल भारतीय सेवाओं के दो अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया। छत्तीसगढ़ सरकार में प्रधान सचिव बीएल अग्रवाल को उनके खिलाफ लंबित भ्रष्टाचार के मामले को निपटाने में मदद के लिए कुछ लोगों को कथित तौर पर रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया जबकि प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व संयुक्त निदेशक जेपी सिंह को आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले में एक आरोपी की मदद के बदले में रिश्वत स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अग्रवाल को अपने रिश्तेदार आनंद अग्रवाल के साथ रायपुर से गिरफ्तार किया गया जबकि कथित बिचौलिया भगवान सिंह को यहां गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने तलाशी के दौरान कथित बिचौलिये के पास से दो किलोग्राम सोना और 39 लाख रुपए नकद जब्त किए।
यह आरोप लगाया जाता है कि 1988 बैच के आईएएस अधिकारी अपने खिलाफ सीबीआई मामलों का निपटारा करना चाहते थे। ये मामले उनके खिलाफ 2010 में दर्ज किए गए थे, जब वह राज्य के स्वास्थ्य सचिव थे। उनके खिलाफ एक मामले में आरोप पत्र दायर किया गया है जबकि दूसरे मामले में जांच चल रही है।एजेंसी ने आरोप लगाया है कि अधिकारी ने कथित तौर पर नोएडा निवासी भगवान सिंह से संपर्क किया था, जो उन्हें भ्रष्टाचार के मामले को निपटाने के लिए सैयद बुरहानुद्दीन के पास ले गया था।
बुरहानुद्दीन ने दावा किया कि वह प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करता है और उनके पक्ष में मामले का निपटारा करने में वह उनकी मदद करेगा। सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि बुरहानुद्दीन उर्फ ओपी सिंह उर्फ ओपी शर्मा ने अपनी सेवाओं के लिए रिश्वत के तौर पर 1.5 करोड़ रुपए की मांग की।
छत्तीसगढ़ सरकार में प्रधान सचिव बीएल अग्रवाल
प्राथमिकी में कहा गया है कि अपने खिलाफ मामलों में राहत पाने के लिए तीनों के बीच 11 फरवरी को हुई बैठक में अग्रवाल ने चुकाई जाने वाली रकम पर सहमति जताई। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि हवाला माध्यम का इस्तेमाल करते हुए अग्रवाल ने चार किश्तों में भगवान सिंह को 60 लाख रुपए भेजे।
प्राथमिकी में कहा गया है कि अग्रवाल ने शेष भुगतान के लिए नकदी की व्यवस्था करने में अक्षमता जाहिर की। इसके बाद बुरहानुद्दीन और सिंह रिश्वत के तौर पर दो किलोग्राम सोना स्वीकार करने पर सहमत हो गए। एजेंसी ने सिंह और अन्य के खिलाफ आईपीसी के तहत आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
सीबीआई प्रवक्ता आरके गौड़ ने कहा, ‘मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई ने रायपुर, हैदराबाद, नई दिल्ली और नोएडा में आरोपियों एवं हवाला संचालकों के परिसरों को खंगाला। ग्रेटर नोएडा में एक निजी व्यक्ति को पहले पहुंचाए गए 39 लाख रुपए नकद भी तलाशी के बरामद किए गए।’
दूसरे मामले में, सीबीआई ने आईपीएल क्रिकेट सट्टेबाजी प्रकरण में मामला दर्ज करने के 18 महीने बाद प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व संयुक्त निदेशक जेपी सिंह को गिरफ्तार कर लिया। सिंह पर जांच में फायदा पहुंचाने के नाम पर आरोपियों से कथित तौर पर घूस लेने का आरोप है। भारतीय राजस्व सेवा के वर्ष 2000 बैच के अधिकारी सिंह को तीन अन्य लोगों संजय (प्रवर्तन अधिकारी), विमल अग्रवाल और चंद्रेश के साथ गिरफ्तार किया गया।
सितंबर 2015 में मामला दर्ज करने के फौरन बाद सीबीआई ने मुंबई में विभिन्न जगहों पर तलाशी अभियान चलाया और अहमदाबाद में सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया। सिंह को बाद में उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया और फिलहाल वो पूर्वोत्तर में अतिरिक्त आयुक्त (सीमा शुल्क एवं आबकारी) के पद पर तैनात हैं।
चारों गिरफ्तार आरोपियों को यहां एक विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 23 फरवरी तक ट्रांजिट हिरासत में भेज दिया गया जिससे उन्हें अहमदाबाद में सीबीआई अदालत के समक्ष पेश किया जा सके।
सीबीआई ने इससे पहले अपनी एफआईआर में कहा, ‘ये आरोप है कि प्रवर्तन निदेशालय के कुछ अधिकारियों ने सट्टेबाजी में धन शोधन और ऐसी दूसरी गतिविधियों की जांच के दौरान आरोपियों और संदिग्धों से कथित तौर पर भारी रिश्वत मांगी और स्वीकार भी की।' (भाषा)