मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. demonotization Prime Minister Narendra Modi
Written By
Last Updated : सोमवार, 3 सितम्बर 2018 (08:34 IST)

नोटबंदी के तरीके पर प्रधानमंत्री के करीबी ने उठाए सवाल, बोले 2000 के नोट का क्‍या मतलब

नोटबंदी के तरीके पर प्रधानमंत्री के करीबी ने उठाए सवाल, बोले 2000 के नोट का क्‍या मतलब - demonotization Prime Minister Narendra Modi
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य शमिका रवि का कहना है कि नोटबंदी के बाद देश में कर अनुपालन बेहतर हुआ है। हालांकि इसका बुरा पक्ष यह रहा कि नोटबंदी की पूरी प्रक्रिया को और अच्छी तरह से लागू किया जा सकता था। रवि ब्रूकिंग्स इंडिया में वरिष्ठ फेलो भी हैं। शमिका रवि ने कहा कि कर को और अधिक युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है ताकि कर अनुपालन के बोझ को और कम किया जा सके।
 
उन्होंने कहा कि नोटबंदी को लागू करने का तरीका निश्चित ही सवाल उठाने लायक है। जैसे कि हम 2,000 रुपए का नोट लाए। यह अपने आप ही इस तर्क को खारिज कर देता है कि बड़े मूल्य के नोट हटाए जाने हैं, लेकिन क्या आपने यह गौर किया कि (नोटबंदी के बाद) कर अनुपालन बढ़ा है? आपको क्या लगता है कि यह क्यों हुआ होगा?
 
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 से देश में उच्च मूल्य के पुराने 1000 और 500 के नोटों को चलन से बाहर कर दिया था। इसके स्थान पर 2,000 और 500 रुपए के नए नोट जारी किए गए। बाद में एक 200 रुपए का नोट भी जारी किया गया। भारतीय रिजर्व बैंक के हालिया आंकड़ों के अनुसार, 8 नवंबर 2016 को देश में 15.41 लाख करोड़ रुपए के 1,000 और 500 रुपए के पुराने नोट चलन में थे जिसमें से 15.31 लाख करोड़ रुपए बैंकिंग प्रणाली में लौट आए।
 
रवि ने रीयल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े माल एवं सेवाकर कानून को भी युक्तिसंगत बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कर प्रणाली को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए, विशेषकर रीयल एस्टेट क्षेत्र में। क्या जीएसटी को आगे और अधिक तर्कसंगत बनाया जा सकता है, मेरा मानना है कि ऐसा किया जा सकता है। कर अनुपालन का बोझ घटाया जाना चाहिए। (एजेंसियां)
ये भी पढ़ें
खुशखबर, यह कंपनी देगी 60 हजार नौकरियां