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Last Modified: बुधवार, 31 जुलाई 2019 (14:56 IST)

तीन तलाक के बाद अब उठी समान नागरिक संहिता की मांग

तीन तलाक के बाद अब उठी समान नागरिक संहिता की मांग - Demand for equal citizen code
नई दिल्ली। देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए विधेयक लाने की लोकसभा में मंगलवार को मांग की गई ताकि कोई राजनीतिक दल किसी वर्ग विशेष को तुष्टिकरण की राजनीति न कर सके।

भारतीय जनता पार्टी के निशिकांत दुबे ने शून्यकाल में यह मामला उठाया और कहा कि संविधान में नीति-निर्देशक तत्वों की व्यवस्था है जिनके तहत सरकार मध्याह्न भोजन जैसी कई सुविधाओं को नागरिकों के हितों में क्रियान्वित कर सकती है। इन निर्देशों के 44वें खंड में किए गए प्रावधानों के अनुसार देश में सभी वर्गों  के लिए समान नागरिक संहिता को लागू किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि जब दंड विधान संहिता (सीआरपीसी) तथा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) पूरे देश के लिए है तो समान नागरिक संहिता को सबके लिए क्यों लागू नहीं किया जा सकता है? सरकार को इसके लिए विधेयक लाना चाहिए ताकि धर्म विशेष की राजनीति न हो।

दुबे द्वारा उठाए गए मुद्दे पर विपक्ष के कई सदस्यों ने इसका विरोध किया। कुछ सदस्य अपनी सीट पर खड़े होकर शोर करते हुए विरोध करने लगे, लेकिन इसी बीच अध्यक्ष ओम बिरला ने दूसरे सदस्य का नाम पुकार लिया।
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