उमाशंकर मिश्र,
नई दिल्ली, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की पुणे स्थित प्रयोगशाला नेशनल केमिकल लेबोरेटरी (एनसीएल) के ऑर्गेनिक केमिस्ट्री डिवीजन के वैज्ञानिक डॉ श्रीनिवास रेड्डी को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (आईआईआईएम) के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। जम्मू स्थित आईआईआईएम; सीएसआईआर की एक अन्य घटक प्रयोगशाला है।
डॉ रेड्डी का शोध कार्य मुख्यतः अनुप्रयोग आधारित कार्बनिक संश्लेषण पर केंद्रित है। उनके शोध का दायरा विस्तृत है, जिसमें जैविक रूप से सक्रिय प्राकृतिक उत्पादों का पूर्ण संश्लेषण, औषधीय रसायन विज्ञान और फसल संरक्षण जैसे विषय शामिल हैं।
दवाओं की खोज के उद्देश्य के साथ ज्ञात दवा संरचनाओं में मैक्रोसायकिलिक प्राकृतिक उत्पादों एवं सिलिकॉन संयोजन के प्रयास उनके अनुसंधान समूह की रुचियों में विशेष रूप से शामिल हैं।
डॉ रेड्डी ने वर्ष 1991 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि प्राप्त की और 1993 में उसी विश्वविद्यालय से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में मास्टर डिग्री पूरी की। उन्होंने डॉक्टरल अध्ययन हैदराबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर गोवर्धन मेहता की प्रयोगशाला में किया और वर्ष 2000 में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।
शिकागो विश्वविद्यालय में सर्गेई ए. कोजमिन और अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कंसास में जेफरी ऑबे की प्रयोगशालाओं में पोस्ट-डॉक्टरेट करने के बाद उन्होंने भारत में दवा कंपनियों में काम किया। वर्ष 2010 में वह सीएसआईआर-एनसीएल से जुड़ गए और वर्तमान में एक वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक के रूप में काम कर रहे हैं
सीएसआईआर-एनसीएल द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि डॉ रेड्डी के 100 से अधिक शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं और वह 35 पेटेंटों के आविष्कारक हैं। उनके शोध कार्यों के लिए उन्हें प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से नवाजा गया है।
इसके अलावा डॉ रेड्डी को दवाओं की खोज आधारित अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए अन्य कई पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। इनमें सीडीआरआई पुरस्कार, केमिकल रिसर्च सोसायटी ऑफ इंडिया (सीआरएसआई) द्वारा प्रदान किया गया कांस्य पदक, नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंस-इंडिया (एनएएसआई)-रिलायंस इंडस्ट्रीज प्लेटिनम जुबली अवॉर्ड, सन फार्मा रिसर्च अवॉर्ड और ऑर्गेनाइजेशन ऑफ फार्मास्यूटिकल प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया (ओपीपीआई) अवार्ड शामिल हैं।
नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंस के फेलो रहे डॉ रेड्डी को इंडियन फार्माकोपिआ के वैज्ञानिक निकाय के नामित सदस्य के रूप में भी चुना गया है। वह एल्सवेयर समूह की शोध पत्रिका बायो-ऑर्गेनिक ऐंड मेडिसिनल केमिस्ट्री लेटर्स के संपादक भी हैं।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन (आईआईआईएम), जम्मू को मुख्य रूप से पादप एवं सूक्ष्मजीवों जैसे प्राकृतिक उत्पादों से दवाओं की खोज पर केंद्रित अनुसंधान के लिए जाना जाता है। जैव प्रौद्योगिकी आधारित इन शोध कार्यों का उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए उच्च मूल्य की प्रौद्योगिकियां, दवाएं और उत्पाद विकसित करना है।
डॉ श्रीनिवास रेड्डी के इस संस्थान से जुड़ने के बाद इस संस्थान में दवाओं के विकास संबंधी शोध कार्यों में नये आयाम देखने को मिल सकते हैं।
(इंडिया साइंस वायर)