जोशीमठ में दरारें बन सकती हैं घरों के ढहने का कारण
जोशीमठ। शुक्रवार शाम को जोशीमठ के सिंगधार वार्ड में एक मंदिर ढहने के बाद चिंताएं और बढ़ गई हैं। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि लगातार हो रहे भू-धसाव से जोशीमठ के 800 से ज्यादा घरों, होटलों और दुकानों में भारी दरारें मंदिर की तरह ही उनके ढहने का कारण बन सकती हैं।
जोशीमठ वह धार्मिक स्थल है जहां आदिगुरु शंकराचार्य ने तपस्या कर दिव्य ज्योति प्राप्त की थी। यहां 1200 साल पुराना नृसिंह देव का मंदिर स्थित है, आदि शंकराचार्य ने ही नृसिंह देव की मूर्ति को यहां स्थापित किया था। पौराणिक मान्यताओं में जोशीमठ को स्वर्ग का प्रवेश द्वार भी कहा गया है।
बद्रीनाथ मंदिर के कपाट सर्दियों के लिए बंद होने के बाद भगवान बद्री की एक मूर्ति को जोशीमठ के नरसिंह मंदिर लाकर पूरे शीतकाल में यहीं उनकी पूजा होती है। भारत के सबसे ऊंचे पर्वत नंदा देवी तक पहुंचने का रास्ता भी यहीं से गुजरता है। जोशीमठ में मौजूद 2400 साल पुराने शहतूत के पेड़ को यहां कल्पवृक्ष मन जाता है। इसके नीचे प्राकृतिक गुफा है। शंकराचार्य ने इसी प्राचीन वृक्ष के नीचे ध्यान किया था, लोग उनको भगवान शिव का अवतार मानते थे।
सीएम ने किया मौका मुआयना : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को जोशीमठ पहुंचकर शहर के भू-धसाव क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित संकटग्रस्त परिवारों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। प्रभावित लोगों ने सीएम से अपनी बात साझा की। प्रभावितों के साथ सीएम भी भावुक हो गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है। जोशीमठ का धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है और हम सबकी आस्था व पर्यटन का केन्द्र है। इस समय हम सबके सामने इस सबसे पुराने ज्योतिर्मठ को प्राकृतिक आपदा से बचाने की बड़ी चुनौती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर इस समय तात्कालिक रूप से जो कार्य हो सकते हैं उन पर फोकस किया जा रहा है। समय पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना जरूरी है। धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना तैयार करें। डेंजर जोन को तत्काल खाली करवाया जाए। स्थाई पुनर्वास के लिए सुरक्षित जगह तलाशी जाए। अभी तक 44 परिवारों को शिफ्ट किया जा चुका है।
राहत कार्यों की समीक्षा : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को जोशीमठ भू-धसाव क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने के बाद सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन केन्द्र में जोशीमठ में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। सीएम ने सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम और आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार को रविवार से से जोशीमठ में कैम्प करने को कहा।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala