ओआईसी में कश्मीर के संबंध में पारित प्रस्ताव पर कांग्रेस ने की सरकार की कड़ी आलोचना
नई दिल्ली। इस्लामिक देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) में कश्मीर के संबंध में पारित प्रस्ताव पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए रविवार को कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति विफल हो गई है और इस मुद्दे पर उन्हें जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां पार्टी मुख्यालय में कहा कि भारत पिछले कई दशक से ओआईसी को अनदेखा करता रहा है लेकिन मोदी की विदेश नीति से उसे और उसके बयानों को वैधता प्रदान कर दी है। बदले में भारत को ऐसा 'नाम' मिला है जिसकी जितनी निंदा की जाए, कम है। तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ओआईसी में भाग लेने को अपनी बड़ी उपलब्धि करार दी रही है लेकिन वास्तव में उसने सम्मेलन में राष्ट्रीय हितों का समर्पण कर दिया है।
इससे पहले कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कूटनीतिज्ञ जीत कूटनीतिज्ञ हार में बदल गई है। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्री को ओआईसी में भारत के खिलाफ इसी तरह के अस्वीकार्य आरोप के लिए भेजा था? प्रधानमंत्री को इस पर राष्ट्र को जवाब देना चाहिए। खबरों के अनुसार ओआईसी में कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित हनन पर प्रस्ताव पारित किया गया है। इसे भारत ने खारिज करते हुए कहा कि यह भारत का अंदरुनी मामला है।
तिवारी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कश्मीर में हालत लगातार खराब हो रहे हैं। पिछले 2 साल से अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र का उपचुनाव नहीं कराया जा सका है। आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान में की गई वायुसेना की कार्रवाई से संबंधित एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार के बयान इस संबंध में संदेह बढ़ा रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी इस संबंध में सरकार से सबूत की मांग नहीं की है लेकिन स्थिति साफ होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मोदी ने कहा है कि अगर देश के पास राफेल होता तो स्थिति कुछ और होती। इसका क्या मतलब है? सरकार को इच्छित परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं। उन्होंने दोहराया कि मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में विफल रही है जिसके कारण एक के बाद एक आतंकवादी हमले होते रहे हैं। (वार्ता)