शिमला/तिरुवनंतपुरम। राजस्थान, केरल और मध्य प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश में भी बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पोंग बांध झील क्षेत्र में मृत पाए गए कुछ प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि की है।
हिमाचल में 1800 प्रवासी पक्षी मृत : हिमाचल प्रदेश में पोंग बांध झील अभयारण्य में अब तक करीब 1800 प्रवासी पक्षी मृत पाए गए हैं।
कांगड़ा के जिलाधिकारी राकेश प्रजापति ने जिले के फतेहपुर, देहरा, जवाली और इंदौरा उप मंडल में मुर्गी, बत्तख, हर प्रजाति की मछली और उससे संबंधित उत्पादों जैसे अंडे, मांस, चिकन आदि की ब्रिकी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
हिमाचल प्रदेश के पोंग बांध वन्यजीव अभयारण्य में वन्यजीव कर्मियों ने पिछले सोमवार को फतेहपुर में सबसे पहले चार पक्षियों के मृत मिलने की सूचना दी थी। इसके बाद कुछ अन्य क्षेत्रों से भी मामले सामने आए।
पिछले साल जनवरी के अंत तक एक लाख से ज्यादा प्रवासी पक्षी यहां आए थे और इस साल अब तक 50,000 से ज्यादा पक्षी पहुंच चुके हैं।
मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू पर सरकार का अलर्ट : मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर सरकार अब अलर्ट मोड पर आ गई है। सरकार ने बर्ड फ्लू रोकने के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। प्रदेश में कौओं की लगातार मौत पर रोक लगाने के लिए जारी अलर्ट में कहा गया है कि कौओं के साथ किसी भी प्रकार के पक्षियों की मौत की सूचना तत्काल जिला कलेक्टर और भोपाल को भेजा जाए। प्रदेश में 23 दिसम्बर से 3 जनवरी, 2021 तक इंदौर में 142, मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112,खरगोन जिले में 13, सीहोर में 9 कौओं की मृत्यु हुई है। मृत कौओं के सैम्पल भोपाल स्थित स्टेट डी.आई.लैब तत्काल भेजे गए हैं।
राजस्थान में सोमवार को 170 पक्षियों की मौत : राजस्थान में भी कई जिलों में पक्षियों की मौत हुई है। राज्य के विभिन्न जिलों में सोमवार को 170 से अधिक पक्षियों की मौत के मामले सामने आए। पशुपालन विभाग के अनुसार राज्य में 425 से अधिक कौवों, बगुलों और अन्य पक्षियों की मौत हुई है। झालावाड़ के पक्षियों के नमूनों को जांच के लिए भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था, जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है जबकि अन्य जिलों के पक्षियों के नमूनों की जांच के परिणाम अब तक नहीं मिले हैं।
40,000 पक्षियों को मारने के आदेश : केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने कहा कि एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा।
कोट्टायम जिला प्रशासन ने कहा कि नींदूर में एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू पाया गया है और वहां करीब 1,500 बत्तख मर चुकी हैं। बर्ड फ्लू काफी संक्रामक बीमारी है और एच5एन1 वायरस के कारण पक्षियों के श्वसन तंत्र पर इसका असर पड़ता है। मानव भी इससे संक्रमित हो सकते हैं।
केरल में हालात काबू में होने के बावजूद प्रशासन ने जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है क्योंकि यह वायरस मनुष्य को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है। केरल में वर्ष 2016 में बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू फैला था।