शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Arvind Kejriwal's claim about Manish Sisodia
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 22 जुलाई 2022 (15:56 IST)

सीएम केजरीवाल ने किया दावा, सिसोदिया को झूठे मामले में फंसाया जा रहा

सीएम केजरीवाल ने किया दावा, सिसोदिया को झूठे मामले में फंसाया जा रहा - Arvind Kejriwal's claim about Manish Sisodia
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दावा किया कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा झूठे मामले में फंसाया जा रहा है और उन्हें कुछ दिनों में गिरफ्तार भी किया जाएगा। केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे सिसोदिया को 22 सालों से जानते हैं और वे एक बेहद ईमानदार व्यक्ति हैं।
 
उल्लेखनीय है कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के कथित उल्लंघन तथा प्रक्रियागत खामियों को लेकर इसकी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने की सिफारिश की है। सिसोदिया दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के प्रमुख हैं।
 
केजरीवाल ने कहा कि मुझे पता चला है कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामले को सीबीआई के पास भेजा गया है और वे उन्हें कुछ दिनों में गिरफ्तार करने वाले हैं। इसमें लेशमात्र भी सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि अदालत के समक्ष यह मामला टिक नहीं पाएगा। मनीष बेहद ईमानदार व्यक्ति हैं और वे पाकसाफ साबित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता जेल जाने से नहीं डरते, क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
 
अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की इस महीने की शुरुआत में सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। इस रिपोर्ट से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम 2009 और दिल्ली आबकारी नियम 2010 के उल्लंघनों का प्रथम दृष्टया पता चलता है।
 
सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल को शीर्ष राजनीतिक स्तर पर वित्तीय रियायतें दिए जाने के ठोस संकेत मिले हैं, जिसमें आबकारी मंत्री ने वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर प्रमुख फैसले लिए, उन्हें लागू किया और आबकारी नीति अधिसूचित की, जिसके व्यापक वित्तीय असर पड़े।
ये भी पढ़ें
वरुण गांधी का सवाल, बुजुर्गों को रेल किराए में मिलने वाली छूट 'बोझ' क्यों?