General Upendra Dwivedi : थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी (Upendra Dwivedi) ने पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच सोमवार को कहा कि भारतीय सेना (Indian Army) देश के समक्ष सभी मौजूदा और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार व पूरी तरह सक्षम है।
देश के 13 लाख सैनिकों वाले मजबूत बल की कमान संभालने के एक दिन बाद नई दिल्ली में उन्होंने कहा कि थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच तालमेल सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकताओं में से एक होगा। रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक में सलामी गारद का निरीक्षण करने के बाद मीडिया से बातचीत में नवनियुक्त सेना प्रमुख ने कहा कि सेना अनूठी अभियानगत चुनौतियों का सामना कर रही है और ऐसे खतरों के लिए तैयार रहने के वास्ते यह महत्वपूर्ण है कि सैनिकों को आधुनिक हथियार मुहैया कराए जाएं।
जिम्मेदारियों के प्रति मैं पूरी तरह सजग : उन्होंने कहा कि मुझे सौंपी गई जिम्मेदारियों के प्रति मैं पूरी तरह सजग हूं और मैं देश तथा सभी नागरिकों को आश्वस्त करता हूं कि भारतीय सेना सभी मौजूदा व भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार व पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा कि वह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सेना में स्वदेश निर्मित सैन्य उपकरणों को शामिल करने को प्रोत्साहित करेंगे।
भू-राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा : जनरल द्विवेदी ने कहा कि भू-राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और प्रौद्योगिकी में बहुत तेज गति से बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अनूठी अभियानगत चुनौतियों का सामना करती है और ऐसे खतरों के लिए तैयार रहने के वास्ते यह जरूरी है कि हम अपने सैनिकों को आधुनिक हथियारों तथा प्रौद्योगिकी से लैस करते रहें तथा अपनी युद्ध लड़ने की रणनीतियों में बदलाव करते रहें।
सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सेना परिवर्तन की राह पर है और वह रक्षा में आत्मनिर्भर बनना चाहती है। उन्होंने कहा कि इसे हासिल करने के लिए हम स्वदेशी पहलों को बढ़ावा देंगे और अधिकतम ऐसी युद्ध प्रणालियों तथा उपकरणों को शामिल करेंगे जिनका निर्माण हमारे देश में किया गया हो।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि सेना संघर्ष की स्थिति में लड़ने के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायुसेना तथा अन्य पक्षकारों के बीच पूरी तरह तालमेल बैठाकर संघर्ष की स्थिति में लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहे। उन्होंने कहा कि इससे सुनिश्चित होगा कि भारत के हित सुरक्षित हैं और हम विकसित भारत-2047 की दूरदृष्टि को साकार करने के लिए राष्ट्र निर्माण का एक प्रमुख स्तंभ बन जाएंगे।
सेना प्रमुख ने कहा कि रक्षा बल का नेतृत्व करना उनके लिए काफी गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपना मेरे के लिए काफी गर्व और सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की गौरवशाली परंपराएं हमारे सैनिकों की वीरता और बलिदान की विरासत पर टिकी हैं। इस अवसर पर, मैं उन वीरों को अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि वह सेना में सभी कर्मियों के हितों की रक्षा तथा पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को हरसंभव सहायता मुहैया कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना मेरी प्राथमिकता होगी कि भारतीय सेना के सभी अधिकारियों तथा सैन्य नागरिकों के हितों की रक्षा हो।
उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके परिवारों के प्रति मेरी जिम्मेदारी एक पवित्र प्रतिबद्धता है और मैं इस विस्तारित परिवार को अपना पूर्ण सहयोग देता हूं। जनरल द्विवेदी ने साउथ ब्लॉक में अपने रस्मी स्वागत के मद्देनजर धार्मिक नेताओं के समूह से संक्षिप्त बातचीत की।
मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल के छात्र रहे जनरल द्विवेदी 1984 में भारतीय सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल्स में शामिल हुए थे। जनरल द्विवेदी 19 फरवरी से सेना के उप-प्रमुख का कार्यभार संभाल रहे थे। वह उप प्रमुख का कार्यभार संभालने से पहले 2022-2024 तक उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ रहे थे।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta