Amit Shah on dark web: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन मार्केटप्लेस और ड्रोन देश के लिए चुनौती बने हुए हैं और इनको लेकर सख्त कदम उठाने होंगे। शाह ने 'मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा' पर यहां एक क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए यह भी कहा कि राष्ट्र मादक पदार्थ की बिल्कुल भी तस्करी देश के अंदर या बाहर नहीं होने देगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने न केवल मादक पदार्थों के कई नेटवर्क को खत्म करने में सफलता पाई है, बल्कि उनसे जुड़े आतंकवाद को भी नष्ट किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर, पंजाब, गुजरात और उत्तर प्रदेश में नार्को-आतंकवाद के कई मामलों का भंडाफोड़ किया गया है और ये बड़ी उपलब्धियां हैं। उन्होंने कहा कि डार्क वेब, क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन मार्केटप्लेस, ड्रोन का इस्तेमाल आज भी हमारे लिए चुनौती बना हुआ है।
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शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा और विकास के लिए राज्यों और केंद्र सरकार तथा टेक्नोक्रेट के संयुक्त प्रयासों से इन समस्याओं का तकनीकी समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मादक पदार्थ के खिलाफ लड़ाई को नयी ताकत मिली है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में मादक पदार्थ की जब्ती में सात गुना वृद्धि हुई है जो एक बड़ी उपलब्धि है। मोदी सरकार ने सख्त कार्रवाई के जरिए मादक पदार्थ के पूरे तंत्र को नष्ट करने का कड़ा संदेश दिया है।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि 2024 में 16 हजार 914 करोड़ रुपए के मादक पदार्थ जब्त करके देशभर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और पुलिस ने मादक पदार्थ के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई की, जो नशा मुक्त समाज बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि नशे की लत से ग्रस्त युवा पीढ़ी के साथ कोई भी देश विकास के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सब मिलकर इस चुनौती से लड़ें और इस लड़ाई को जीतने के लिए हर संभव प्रयास करें।
शाह ने कहा कि 2004-2014 के दौरान कुल 3.63 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए गए, जबकि 2014-2024 के दौरान कुल 24 लाख किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए गए - जो पिछले दशक की तुलना में सात गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि 2004-2014 में 8,150 करोड़ रुपए मूल्य का मादक पदार्थ नष्ट किया गया, जबकि 2014-2024 में 54,851 करोड़ रुपए मूल्य का मादक पदार्थ नष्ट किया गया- जो पिछले दशक की तुलना में 8 गुना अधिक है।
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एनसीबी द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्देश्य मादक पदार्थ की तस्करी की बढ़ती चिंता और राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव का समाधान करना है, जिसमें उत्तर भारत के आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शाह ने शनिवार से 25 जनवरी तक चलने वाले मादक पदार्थ विनष्टिकरण पखवाड़े का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान 8,600 करोड़ रुपये मूल्य के एक लाख किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया जाएगा।
गृहमंत्री ने एनसीबी की भोपाल क्षेत्रीय इकाई के नये कार्यालय परिसर और सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एमएएनएएस-2 हेल्पलाइन के विस्तार का भी उद्घाटन किया। सम्मेलन का मुख्य जोर नेशनल नारकोटिक्स हेल्पलाइन एमएएनएएस पोर्टल से वास्तविक समय की जानकारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वापक निरोधक कार्य बल (एएनटीएफ) के साथ साझा करना, मादक पदार्थ की तस्करी से निपटने में राज्यों की प्रगति का मूल्यांकन करना और मादक पदार्थ समन्वय तंत्र (एनसीओआरडी) की प्रभावशीलता का आकलन करना है।
सम्मेलन में चर्चा किए जाने वाले अन्य मुद्दों में राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (एसएफएसएल) की कार्यक्षमता को मजबूत करना और बढ़ाना, मादक पदार्थ की तस्करी के खिलाफ प्रयासों को मजबूत करने के लिए एनआईडीएएएन डेटाबेस का उपयोग करना, पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करना शामिल है। इसमें मादक पदार्थ से संबंधित मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष एनडीपीएस अदालतों की स्थापना करना और मादक पदार्थ की तस्करी एवं दुरुपयोग से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सभी एजेंसियों के बीच व्यापक सहयोग सुनिश्चित करने के लिए एक संपूर्ण-सरकारी दृष्टिकोण को बढ़ावा देना भी शामिल है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने मादक पदार्थ की तस्करी के खिलाफ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है। गृह मंत्रालय (एमएचए) 2047 तक नशा मुक्त भारत प्राप्त करने के लिए तीन-आयामी रणनीति को लागू कर रहा है। इसमें संस्थागत ढांचे को मजबूत करना, नारकोटिक्स एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाना और एक जन जागरूकता अभियान शुरू करना शामिल है। सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल, उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों, विभागों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala