एयर इंडिया को नहीं मिला खरीदार, कांग्रेस ने उड़ाया सरकार का मजाक
नई दिल्ली। एयर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया में शुरुआती बोलियां नहीं मिलने पर कांग्रेस ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का मजाक उड़ाया और कहा कि मौजूदा सरकार को कंपनी के पुनर्निर्माण के लिए धन देना चाहिए।
पचास हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्ज में डूबी सार्वजनिक विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश की सरकार की योजना को आज उस समय गहरा झटका लगा जब अभिरुचि पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी कोई खरीददार सामने नहीं आया। आगे की प्रक्रिया अब एयरलाइन के विनिवेश के लिए बना मंत्रियों का समूह तय करेगा।
नागरिक उड्डयन सचिव राजीव नयन चौबे ने बताया कि एयर इंडिया के लिए कोई बोली नहीं लगाई गई। गुरुवार शाम पांच बजे अभिरुचि पत्र दाखिल करने की समय सीमा समाप्त हो गई।
उन्होंने बताया कि निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की प्रक्रिया के तहत विभाग के अतिरिक्त सचिव तथा वित्तीय सलाहकार वाली आँकलन समिति स्थिति की समीक्षा करेगी। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाले विनिवेश का कोर समूह इस पर विचार करेगा और अंतत: मामला एयर इंडिया में विनिवेश के लिए बने मंत्रियों के समूह के समक्ष इसे रखा जायेगा। मंत्रियों के समूह को आगे की प्रक्रिया पर अंतिम फैसला करना है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार को राष्ट्रीय विमानन कंपनी का जिम्मा कर्मचारी सहकारी समिति को सौंप देना चहिए।
सरकार की घोषणा के बाद मनीष ने ट्वीट किया, 'पांच लाख करोड़ की एयर इंडिया को घनिष्ट मित्रों को कौड़ियों के दाम बेचने का राजग / भाजपा का प्रयास धराशाही हो गया। एक भी बोली नहीं आई। क्यों नहीं सरकार इसे बाबुओं की बजाए कर्मचारी सहकारी समिति को सौंप देती।'
वहीं मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरूपम ने एयरलाइन के स्टॉफ को बधाई दी और कहा कि उनकी लड़ाई रंग लाई। (भाषा)