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Last Updated : रविवार, 7 दिसंबर 2025 (19:11 IST)

मप्र में CM यादव के सामने 10 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 2 करोड़‌ 36 लाख रुपए का था इनाम

10 Naxalites surrendered before Chief Minister Mohan Yadav
10 Naxalites surrendered in Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिला बालाघाट जिले में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। इनामी नक्सली कबीर समेत कुल 10 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 6 पुरुष और 4 महिला नक्सली शामिल हैं। नक्सलियों पर था 2 करोड़‌ 36 लाख का इनाम था। सभी नक्सली कान्हा भूरम दलम (केबी डिवीजन) के हैं। यह मध्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा सरेंडर हुआ है। यह पूरा ऑपरेशन बेहद गोपनीय रखा गया था और इसमें एक फॉरेस्ट गार्ड की अहम भूमिका रही।

खबरों के अनुसार, मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिला बालाघाट जिले में सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। इनामी नक्सली कबीर समेत कुल 10 नक्सलियों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 6 पुरुष और 4 महिला नक्सली शामिल हैं। नक्सलियों पर था 2 करोड़‌ 36 लाख का इनाम था।

सभी नक्सली कान्हा भूरम दलम (केबी डिवीजन) के हैं। यह मध्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा सरेंडर हुआ है। यह पूरा ऑपरेशन बेहद गोपनीय रखा गया था और इसमें एक फॉरेस्ट गार्ड की अहम भूमिका रही। उसी ने नक्सलियों और पुलिस के बीच संपर्क स्थापित करवाया।

जंगल से निकलकर यह सभी नक्सली सीधे बालाघाट रेंज के आईजी के सामने सरेंडर करने पहुंचे। दरअसल, केंद्र सरकार ने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की डेडलाइन मार्च 2026 तय की गई थी, जिसके बाद से सुरक्षाबलों की कार्रवाई तेज हो गई. नतीजतन बालाघाट में या तो नक्सलियों का एनकाउंटर हुआ या फिर उन्होंने सरेंडर किया।
केबी डिवीजन का प्रमुख कबीर छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का रहने वाला है, जो 3 राज्यों का मोस्ट वांटेड था। मुख्यमंत्री मोहन यादव की उपस्थिति में औपचारिक आत्मसमर्पण से राज्य में नक्सल विरोधी अभियान मजबूत होगा।
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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्‍सलियों को संविधान की प्रति प्रदान कर उन्‍हें मुख्यधारा से जोड़ा। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने अपने हथियार मुख्यमंत्री को सौंपे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सरकार मध्य प्रदेश को नक्सल मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि एक भी व्यक्ति को हथियार उठाने की अनुमति नहीं है। मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से आह्वान किया कि वे सरकार की पुनर्वास नीति अपनाएं। सरकार उनके जीवन को सुरक्षित करने, विकास सुनिश्चित करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों और जवानों की हौसलाअफजाई करते हुए कहा कि एंटी नक्सल अभियान को लगातार सशक्त और सुदृढ़ किया जा रहा है। प्रदेश में 15 नवीन अस्थाई कैंप और विशेष सहयोगी दस्ता के 882 पद स्वीकृत किए गए हैं। सतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाइयों से प्रदेश में नक्सली दायरा तेज़ी से घटा है। उन्होंने कहा कि पुनर्वास के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले वर्ष 46 एकल सुविधा केंद्र खोले गए। इन केंद्रों के माध्यम से रोजगार, वन अधिकार पत्र और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहीद आशीष शर्मा की वीरता को नमन करते हुए कहा कि कर्तव्यपथ में उत्कृष्टता से कार्य करने वाले 328 हॉक फोर्स सहित पुलिस अधिकारियों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया है। उन्होंने कहा कि जो कानून की राह अपनाते हैं, उनकी पुनर्वास की चिंता सरकार की है।
डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में एंटी नक्सल अभियान को सशक्त किया गया है। नए कैंप स्थापित किए गए हैं, हॉक फोर्स और पुलिस बल में वृद्धि की गई है। साथ ही अधिकारियों और जवानों को सतत प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इन कार्रवाइयों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी नक्सल समर्पण लगातार बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं और नागरिकों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मध्यप्रदेश पुलिस निर्धारित समय-सीमा में नक्सल मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में परिवहन एवं स्कूल शिक्षा और बालाघाट के प्रभारी मंत्री  उदय प्रताप सिंह, पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और जवान उपस्थित रहे।

इन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण :
सुरेंद्र उर्फ कबीर उर्फ सोमा सोढी पिता उंग्गा सोढी जाति गोंड उम्र 50 निवासी पुलमपाढ थाना गुल्लापल्ली जिला सुकमा छग।
- राकेश ओडी उर्फ मनीष पिता समरत ओडी जाति गोंड उम्र 42 निवासी ग्राम झंडेपार (बोट्टेकसा) थाना कोरची जिला गडचिरौली महाराष्ट्र।
- लालसिंह मरावी उर्फ सींगा उर्फ प्रवीण पिता भीमा माता ऊंगी जाति गोंड उम्र 30 निवासी छोटे गुडरा थाना कटेकल्याण जिला दंतेवाड़ा छग।
- शिल्पा नुप्पो पिता जोगा माता बीमे, जाति गोंड उम्र 26 निवासी बुडिया बट्टुम थाना बासीगुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
- सलीता उर्फ सावित्री अलावा पिता लकमु माता चिको जाति गोंड उम्र 26 निवासी सीनागेलोर थाना बासागुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
- नवीन नुप्पो उर्फ हिडमा पिता नंगा माता बीमे जाति गोंड उम्र 30 निवासी बोडकेल तहसील कोंटा (जगरगुंडा) जिला सुकमा छग।
- जयशीला उर्फ ललीता ओयम पिता समलु माता देवे जाति गोंड उम्र 26 निवासी तरैम थाना बासागुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
- विक्रम उर्फ हिडमा वट्टी पिता तकमा माता पीसे जाति गोंड उम्र 30 निवासी मडपे दुल्लोड थाना 4 थाना चिंता गुफा जिला सुकमा छग।
- जरिना उर्फ जोगी मुसाक पिता अंदल माता कोशी जाति गोंड (मुडिया) उम्र निवासी मुरंगा थाना गंगलुर जिला बिजापुर छग।
- समर उर्फ समारू उर्फ राजु अतरम पिता सन्नु माता सुमरी जाति गोंड उम्र 32 निवासी इंड्री तहसील बैरमगढ जिला बीजापुर छग।
गौरतलब है कि बीते दिन राज्य की पहली महिला नक्सली जिसने हथियारों के साथ सरेंडर किया था, इसके बाद यह बड़ी सफलता मानी जा रही है। नक्सलियों द्वारा लगातार सरेंडर करने से सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल बढ़ा है और माना जा रहा है कि आगामी दिनों में और भी नक्सली मुख्यधारा में वापस लौट सकते हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सभी करीब एक से दो दशक से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे।
Edited By : Chetan Gour
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