Last Modified: नई दिल्ली ,
गुरुवार, 3 जुलाई 2014 (18:23 IST)
विशेष कमांडो ने संभाली संसद भवन की सुरक्षा
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नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र शुरू होने के कुछ दिन पहले अर्द्धसैनिक बलों के विशेष कमांडो प्रशिक्षित दस्ते ने संसद भवन परिसर की सुरक्षा व्यवस्था संभाल ली है।
इस दस्ते के कमांडो और सुरक्षाकर्मी पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (पीडीजी) नाम से जाने जाएंगे। इस दस्ते को देश के सबसे बड़े अर्द्धसैनिक बल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल से लिया गया है। 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद ऐसा कोई दस्ता बनाने की बात हुई थी।
एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि इस दस्ते ने संसद भवन परिसर की सुरक्षा व्यवस्था के कार्य को पूरी तरह अपने हाथों में ले लिया है। ये बल पिछले कुछ समय से संसद भवन परिसर में तैनात कर दिए गए थे जिससे वे वहां की स्थितियों और अपने कार्यों से अच्छी तरह परिचित हो सकें। इस दस्ते के कमांडो और सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे संसद भवन परिसर की चौकसी करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का पहला बजट सत्र 7 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस दस्ते पर पूरे संसद भवन परिसर की सुरक्षा की जिम्मेदारी होगी जिसमें मुख्य संसद भवन, उसका स्वागत कार्यालय, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद पुस्तकालय) और संसद भवन सौंध शामिल हैं।
यह दस्ता दिल्ली पुलिस, संसदीय सुरक्षा स्टाफ और एनएसजी कमांडो के समन्वय से संसद भवन परिसर, वहां आने वाले वीवीआईपी, सांसदों और अन्य आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
इस पीडीजी में 1,500 सुरक्षाकर्मी होंगे। इनमें सीआरपीएफ के ऐसे कर्मी शामिल किए गए हैं जिन्होंने न केवल कमांडो और रणनीतिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है बल्कि जिन्हें प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में भी महारत है।
यह दस्ता संसद भवन के अतिरिक्त सचिव (सुरक्षा) के तहत काम करेगा और इसके ओवर आल इंचार्ज सीआरपीएफ के महानिदेशक होंगे। अधिकारी ने बताया कि पीडीजी कर्मियों को आधुनिक उपकरणों और शस्त्रों से लैस किया गया है। उनकी वर्दी के लिए विशेष प्रतीक चिन्ह डिजाइन किए गए हैं।
संसद भवन परिसर में 13 दिसंबर 2001 को 5 सशस्त्र आतंकवादियों ने हमला कर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी जिसमें दिल्ली पुलिस के 5 कर्मी, सीआरपीएफ की 1 महिला अधिकारी, संसदीय वॉच एंड वॉच के 2 कर्मी और 1 माली मारे गए थे। इस हमले में 1 पत्रकार भी घायल हुआ था जिनकी बाद में मृत्यु हो गई।
सुरक्षाबलों के हाथों सभी हमलावर आतंकी भी मारे गए थे। इस हमले के बाद सीआरपीएफ मुख्यालय ने संसद भवन की सुरक्षा के लिए पीडीजी जैसा विशिष्ट सुरक्षा समूह बनाने का सुझाव दिया था। पीडीजी के तहत सुरक्षाकर्मियों, संचार विशेषज्ञों, त्वरित प्रतिक्रिया दलों और मेडिकल स्टाफ की अलग-अलग इकाइयां होंगी। (भाषा)