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Written By WD
Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 17 जून 2014 (15:10 IST)

अरविन्द केजरीवाल की सबसे बड़ी गलती...

अरविन्द केजरीवाल
नई दिल्ली। गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल की सबसे बड़ी गलती थी दिल्ली का मुख्‍यमंत्री पद छोड़ना और उसके बाद बड़े पैमाने पर लोकसभा चुनाव लड़ना।
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रालेगण सिद्धि में 'आज तक' के रिपोर्टर पंकज खेलकर के साथ खास बातचीत में अन्ना हजारे ने अपने शिष्य केजरीवाल के बारे में कहा कि हमने काफी समय तक साथ-साथ काम किया है। केजरीवाल राजनीतिक पार्टी बनाना चाहते थे, लेकिन मैंने उन्हें कई बार आगाह किया था कि वे पार्टी न बनाएं। ...लेकिन उन्होंने राजनीतिक पार्टी बनाई और पहले ही साल में उन्हें अनपेक्षित सफलता मिली और इससे उन्होंने प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब पाल लिया। उन्होंने दिल्ली का मुख्‍यमंत्री पद छोड़ा और देशभर में लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार उतार दिए। यही उनकी सबसे बड़ी गलती रही। इतिहास गवाह है, असली सफलता संघर्ष से ही मिलती है।

अन्ना ने कहा कि केजरीवाल जब दिल्ली के मुख्‍यमंत्री थे, मैं उनसे मिला था। मैंने उनसे कहा भी था कि उन्हें पूरे देश के बजाय दिल्ली पर ही फोकस करना चाहिए, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी। लोकसभा चुनाव की हार के बाद मेरी उनसे कोई मुलाकात नहीं हुई है।

आम आदमी पार्टी के भविष्य पर क्या बोले अन्ना... पढ़ें अगले पेज पर...


जब अन्ना को उनके पिछले बयान के बारे में याद दिलाया गया कि केजरीवाल सत्ता के भूखे हैं, तो उन्होंने कहा कि मैं अब भी ऐसा ही मानता हूं। यदि वे सिर्फ राजनीतिक ताकत के लिए ही लड़ेंगे तो देश की जनता भी उन्हें लालची और स्वार्थी ही मानेगी। हालांकि अन्ना यह नहीं सोचते कि आम आदमी पार्टी खत्म हो जाएगी, लेकिन वे अब भी यह मानते हैं कि केजरीवाल को राजनीतिक पार्टी नहीं बनानी चाहिए थी।
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क्या अन्ना अपने शिष्य केजरीवाल को कुझ सलाह देना चाहेंगे? अन्ना ने कहा कि हमारे विचारों में काफी अंतर है और वे अब मुझसे मिलते भी नहीं। गांधीवादी नेता ने 'आप' के सभी कार्यकर्ताओं को नसीहत दी कि वे पार्टी के लिए एकजुट रहें और सामाजिक समस्याओं को दूर करने के लिए काम करें। हालांकि वे यह भी मानते हैं कि केजरीवाल की पार्टी अच्छा विपक्ष साबित हो सकती है।