सुशांत सिंह राजपूत और ड्रग्स मामले में इन दिनों जो भी एनसीबी, सीबीआई और ईडी की त्रिवेणी के सामने जा रहा है या जो उन्हें बुला रहे हैं, वे बस एक ही सुर में एक ही राग गा रहे हैं.... मैंने नहीं किया, सुशांत करता था... मैंने नहीं मंगवाया, सुशांत मंगवाता था...रिया हो या सारा सबको सुशांत ने धोखा दिया, दुनिया जहान के नशे सुशांत लेता था ये बाकी सब तो दर्शक दीर्घा में बैठकर खड़े होकर तमाशा देखते थे.... वीडियो बनाते थे...
दिलचस्प बात यह है कि किसी ड्रग पैडलर ने सुशांत का नाम नहीं लिया, ड्रग्स की चैट में सुशांत कहीं नहीं है, उसके मोबाइल में कोई सबूत नहीं मिले... कॉफी में चार बूंद डालने की बात जया साहा और रिया के बीच की है... पर, मगर, लेकिन फिर भी... दोषी अगर कोई है तो वह सुशांत है.... क्यों? क्योंकि वह अब लौट नहीं सकता, वह आकर बता नहीं सकता अपने बारे में, वह अब अपनी सफाई में बोल नहीं सकता....वकीलों को अपने क्लाइंट को बचाने का एक हथियार मिल गया है, सबको रटा दिया है और सबने रट भी लिया है एक ही स्क्रिप्ट को, एक से संवादों को...
प्रेम, प्यार और मोहब्बत के दावे सब हवा में उड़ गए हैं। अब सबको अपनी ही जान बचानी है। भारतीय संस्कार है कि अगर व्यक्ति दुनिया से चला जाए तो उसके अंतिम संस्कार के साथ ही उसकी सारी नकारात्मक बातों पर भी खाक डाल देनी चाहिए लेकिन यहां एक नया ही रंग रूप देखने को मिल रहा है अपनी सारी गलतियों का ठीकरा उस व्यक्ति के सिर पर मढ़ा जा रहा है जिसे जानने वाले लगातार कह रहे हैं कि सुशांत ड्रग्स नहीं लेता था...वह चांद-सितारे, एलियन, किताबें, पूजापाठ, जिम, डांस, ऑर्गेनिक खेती और अपने डॉग फज के साथ मस्ती में खोया रहता था... उसे ड्रग्स की आदत डलवाई गई थी.. सब कुछ 'क्रिस्टल क्लियर' है, दिख रहा है लेकिन इन दो अक्षर के नाम वाली मासूम बालाओं के उत्कृष्ट अभिनय की कायल हो गई है जनता... जिनमें से एक कहती है सुशांत ने मेरा इस्तेमाल किया, दूसरी कहती है वह लॉयल नहीं था.... चलें जरा पुराने फिल्म गॉसिप्स को खंगालें जब यह खबरें आई थी कि नई मां ने कहा है कि सुशांत से दूरी बना कर चलों तो आज्ञाकारी स्टेप बिटिया ने तुरंत दूरी बना ली... आखिर नई मां को पुराना अनुभव जो है पैचअप और ब्रेकअप का...
सारी दुनिया जानती है कि पार्टी के बिना बॉलीवुड की जिंदगी आगे नहीं खिसकती है। प्री ड्रिंक से लेकर प्री ड्रग्स पार्टी तक के सबूत हवा में तैर रहे हैं, वीडियो सोशल मीडिया पर लहरा रहे हैं, रह-रह कर सामने आ रहे हैं और उनमें सुशांत कहीं नहीं है...
अब जबकि वह दुनिया में भी कहीं नहीं है, उसकी मौत का राज कोई नहीं जानता, या फिर डार्क नेट के जरिए हर कोई जानता है... तब ये कहना कि हर मर्ज, हर ड्रग्स, हर अपराध की वजह सुशांत ही था... यह न्याय की लड़ाई में शामिल आमजन के लिए बौखला देने वाला है, हैरत में डाल देने वाला है कि कितनी निर्मोही और पत्थरदिल दुनिया है... अपने आपको बचाने के लिए सुशांत की मौत से भी खिलवाड़ करने को तैयार है....
सारी दुनिया जब अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रही थी, सुशांत की मौत का सच जानना चाहती थी(है) तब इन मोहब्बत की देवियों के माथे पर शिकन तक नहीं थी जब तक कि इनके 'बुलावे' नहीं आ गए...उससे पहले तो केक भी काटे जा रहे थे, पिंक बिकनी में छुट्टियां भी मनाई जा रही थी,बिंदिया गोस्वामी दत्ता की बेटी की शादी पार्टी में मेहंदी भी रचाई जा रही थी....
चीखती खबरें अब जनता को परेशान करने लगी है। बर्फीली कार्यवाही अब सब्र का बांध तोड़ रही है। सोशल मीडिया की आवाजें मद्धम होने लगी है....इस बीच मैं सोच रही हूं कि क्या सच, न्याय, इंसाफ जैसे शब्द बस कोरे पन्नों पर लिखे जाने के लिए रह गए हैं? क्यों हमें हक नहीं है एक प्रतिभाशाली युवा की रहस्यमयी मृत्यु के कारण को जानने का?
वह सेलिब्रिटी ही होता तो शायद भूलने में आसानी होती पर जाने क्यों वह छोटे शहर का लड़का बड़े सपनों को जीने वाला हमें हमारे बीच का लगता था... आज उसका इस तरह जाना और न्याय की लड़ाई में इतने लाइट, कैमरा, एक्टिंग, स्क्रिप्ट, डॉयलॉग, झूठ, छल, कपट और धोखे का शामिल होना सच्ची दुखी करने वाला है...बॉलीवुड के मकड़जाल का यह सच डराने वाला है...
क्या अब हमें मान लेना चाहिए कि पूरा का पूरा बॉलीवुड मासूम है और सब के सब बस सुशांत के कहने पर ही काम करते थे.... ऐसी बचकानी बातों पर हंसी और रोना साथ में आ रहा है....
फिर भी देश की जनता फिर से खुद को भरोसा दिलाती है, ईश्वर की अदालत, जनता की अदालत और अंतरात्मा की अदालत पर विश्वास का एक दीप जलाती है...कि हर वक्त पैसा नहीं चलता, हर वक्त रसूख नहीं चलता कि हर वक्त ताकत नहीं बोलती कि हर वक्त गलत नहीं जीतता... एक दिन आता है और अवश्य आएगा जब नीचे सत्य गरजेगा, ऊपर से न्याय बरसेगा.... आमीन!!!!