सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. मेरा ब्लॉग
  4. drugs connection

ड्रग्स कनेक्शन : ये कुड़ियां...नशे दी पुड़िया....

ड्रग्स कनेक्शन : ये कुड़ियां...नशे दी पुड़िया.... - drugs connection
बात सुशांत से चली थी, आत्महत्या से हत्या, हत्या से नेता, फिर कंगना, संजय राऊत, फिर पार्टी और पार्टी से नशा और नशे से आया एंगल नशे में धुत खूबसूरत कुड़ियों का...दीपिका से लेकर रकुल और सारा तक सारा का सारा बॉलीवुड इस कुचक्र में फंसा और उलझता नजर आ रहा है। 
 
सवाल यह आया है कि क्या यह एकदम नई और अनोखी बात है? क्या इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ... ? तो जवाब है- जी हां कोई नई बात नहीं है, पहले भी होता रहा है ... लेकिन इसकी वजह से निरंतर बढ़ने वाले विकृत और जघन्य अपराधों ने आज इस बात के लिए मजबूर कर दिया है कि इस गंदगी को साफ किया जाए...
 
इस सारे मामले में जो एक बात अच्छी हुई वह यह है कि बॉलीवुड के सपनों में खोए छोटे शहरों के  युवा सहम भी गए हैं और समझ भी गए हैं। 
 
एक बहुत बड़ी संख्या में लोगों की आवाज का उठना और अब तक एक स्वर में डटे रहना यह साबित करता है कि स्वच्छता को हम अपनी आदत बनाते जा रहे हैं चाहे वह देश की हो, संस्कारों की हो, समाज की हो या अपने आसपास की हो. . या ‍फिर हमारे अपने भीतर पनप रहे कुत्सित विचारों की हो... 
 
फिलहाल, हर तरफ भागदौड़ मची है, कोई वकीलों के चक्कर लगा रहा है, कोई एयरपोर्ट पर मंडरा रहा है, कोई अपने निजी प्लेन में ईंधन डलवा रहा है और मजे की बात तो यह कि कोई मास्क इन्हें नहीं बचा पा रहा है। 
 
एक जया संसद में बचाव के कमजोर तर्क रखती है और एक जया एनसीबी के सामने एक से बढ़कर एक नाम उगलती है... जया से लेकर जया तक हर किसी के दिल धड़क रहे हैं... हर कोई अपने-अपने विक्टिम कार्ड खोज रहा है, बचाव के गलियारे तलाश रहा है और आम जनता, मध्यम वर्गीय परिवार अपनी दाल और रोटी खाते हुए इन नशे की पुड़िया का हिसाब लगा रहा है। 
 
मुझे याद है जब मैं पुणे में फिल्म एप्रिसिएशन का कोर्स कर रही थी तब दिन भर फिल्में देखकर, डायरेक्टर्स के लेक्चर, इंटरव्यू सुनकर शाम तक निढाल हो जाती थी और सिवाय खाना खाकर सोने के मेरे पास और कोई चारा नहीं होता था... तब हमारे साथ के मुंबई, दिल्ली और गोवा के कुछ युवा रात में खूबसूरत परिधानों में पार्टी जाने की तैयारी करते.... मैं छोटे शहर की लड़की उन्हें हतप्रभ होकर देखा करती कि ये लोग थकते नहीं हैं... सुबह तीन-साढ़े तीन पर ये लोग लौटते और 9-10 बजे फिर एकदम तरोताजा क्लास में.. .. मैं और मुझ जैसे मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे प्रदेशों से आए लोग इस एनर्जी लेवल को देखकर कॉम्प्लेक्स में आ जाते कि ये कितने चुस्त, स्फूर्त हैं,  ऊर्जा से भरे रहते हैं..... 
 
कल जब उसी दौर की एक वरिष्ठ मित्र से बात हुई तो वह बता रही थी उनमें से अब कौन कहां है कोई नहीं जानता...और रात की उनकी पार्टियों का भी वही राज था जो आज खुल रहा है... मेरा ऐसा कोई दावा नहीं है लेकिन खैर...

पिछले दिनों मेरी एक मित्र के बेटे को रिहेब सेंटर में इसी नशे की लत की वजह से रखा गया, मेरी एक परिचिता का पति रोज ही गांजा, चरस और अफीम का सेवन कर उसे तंग करता है और ये बातें अपने इंदौर और उज्जैन की हैं... यानी नशे की ये पुड़िया यहां भी बंट रही है,  खुल रही है.... सावधान... !!!!! 
 
फिलहाल बात उन नाजुक और छरहरी नायिकाओं की जो विज्ञापनों में अपनी खूबसूरती के बारे में कहती है कि एक सही शुरुआत, अच्छी शुरुआत आपको खूबसूरती देती है.... मेरा इन नशीली कन्याओं से सवाल है कि अभिनय करते-करते अपनी आत्मा को कहां रख आती हैं आप? झूठ बोलते हुए कभी नहीं लड़खड़ाती जुबान? आखिर इतना छद्म आत्मविश्वास और सधा हुआ अभिनय कहां से लाती हैं? 
 
आज आप अपने ब्रेक के लिए चरस, गांजा, अफीम, कोकीन का सेवन करती हैं दूसरे दिन फिर एक नकली दुनिया में प्रवेश करती है, चमक-दमक और ग्लैमर के झूठे सपने दिखाती हैं, डिप्रेशन की थ्योरी पर अपनी बड़ी-बड़ी बातें रखती हैं तो एक बार भी आपका अपना मन आपको नहीं कचोटता..? 
 
अतंरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खिलाड़ी की बेटी के नाते ही नहीं, खूबसूरती, अभिनय ही नहीं बल्कि आप कई और भी बातों के लिए फिल्मप्रेमियों की पसंद में शामिल थीं.... आपकी बेबाकी, साफगोई आम जन को सीधे आपसे कनेक्ट करती थी... लेकिन यह क्या आप भी...? 
 
और अब आप ही क्यों एक लंबी फेहरिस्त खुल रही है.. किस पर विश्वास करें, किस पर न करें... कल कौन सा चेहरा मास्क में मुंह छुपाता नजर आएगा कह नहीं सकते...
 
सुशांत की मौत कैसे हुई, इस रहस्य से पर्दा जब उठेगा तब उठेगा पर फिलहाल जो रहस्य उजागर हो रहे हैं वो चौंका रहे हैं और चिंता में डाल रहे हैं. .. भीतर ही भीतर ये कैसा समाज पनप रहा है, हमारे ही देश में हमारे ही युवाओं को बर्बाद करने के षडयंत्र गढ़े जा रहे हैं... बाहरी ताकतों पर इल्जाम बाद में लगाइएगा अभी तो इसी देश में रहने वाले इस कुचक्र को रच रहे हैं...और न सिर्फ रच रहे हैं पूरी ताकत से अपना और नशे का बचाव भी कर रहे हैं... चैनलों पर कुतर्कों का आलम देखिए कि ''भांग पिएं तो संस्कृति और गांजा पिएं तो विकृति?''
 
ये टीवी पर जो नशे का, नशे में गिरफ्त युवाओं का, जेल में बंद चालाक 'खोपड़ियों' का, सुशांत के हत्यारों का बचाव करते हैं उन्हें सचेत करते चलें कि टीवी पर आपके अपने बच्चे भी आपको देख रहे हैं... कहीं ऐसा तो नहीं कि आप यहां  मशगूल हैं और रिया, दीपिका, जया साहा, रकुल, सारा जैसी टेलेंट आपके ही घर में माल ढूंढ रही हैं... 
 
बहरहाल,  बात नशे की निकलेगी तो चाइल्ड ट्रेफिकिंग से लेकर जिस्म से जुड़े हर अपराध को सामने लाएगी...ये कुड़ियां, नशे दी पुड़िया....कहां-कहां उड़ती हैं और इनके साथ मुंडे गली दे गुंडे कहां तक लिप्त हैं सब सामने आएगा...

बस आप अपने-अपने नौनिहालों पर नजर रखिए वहां का मामला तो एनसीबी, सीबीआई और ईडी( इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट) देख लेगी...कुछ इस तर्ज पर-  होनी को अनहोनी कर दे, अनहोनी को होनी... एक जगह जब जमा हो तीनों अमर, अकबर एंथोनी... पर आपका मामला तो आपको ही समझना है...