सट्टा बाजार में कांग्रेस का पलड़ा भारी, नुकसान में भाजपा
राजस्थान और तेलंगाना में मतदान समाप्त होने के बाद अब सभी की नजरें 11 दिसंबर को आने वाले 5 राज्यों के चुनाव परिणामों पर लगी हुई है। सट्टा बाजार के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनती नजर आ रही है तो मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस का पलड़ा भारी है। यहां बसपा समेत अन्य दल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में इस बार बराबरी का मुकाबला है। सट्टा बाजार के अनुसार, इस बार सीटों के लिहाज से भाजपा को बड़ा नुकसान होता दिखाई दे रहा है, जबकि कांग्रेस फायदे में नजर आ रही है।
हालिया ट्रेंड के अनुसार राजस्थान में अब कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। हालांकि वेस्टलैंड मामले में आरोपी मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा को बढ़त मिल सकती है। राजस्थान में हमेशा ही सत्ता परिवर्तन होता आया है और इस बार भी भाजपा के स्टार प्रचारक के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तूफानी दौरे किए।
राजस्थान में चुनाव प्रचार के लिए भाजपा ने 222 बड़ी रैलियां और सभाएं कीं, लेकिन सट्टेबाजों ने मतदान के पहले यहां कांग्रेस की जीत पर दांव लगाया है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से चुनाव परिणामों के मामले में सट्टा बाजार नाकाम होता आया है और कई लोगों को इस चक्कर में भारी नुकसान भी उठाना पड़ा है।
इंदौर के सट्टा बाजार को राजस्थान में वसुंधरा राजे की सरकार की वापसी पर भरोसा नहीं है। सटोरियों के मुताबिक, 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस को 125 से 127 सीटें पर बराबरी का भाव मिल रहा है। वैसे 200 सीटों वाले राजस्थान में बहुमत के लिए 101 सीटों की जरूरत है।
इसी तरह राजस्थान के फलौदी का सट्टा बाजार के अनुसार राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस को 113 से 115 सीटें मिलना तय माना जा रहा है। सटोरियों के अनुसार यहां भाजपा को 95 से 98 सीटें मिलने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से मध्यप्रदेश और राजस्थान में सट्टा बाजार में कांग्रेस के आगे रहने के भाव चल रहे हैं। ताजा आंकड़ों में राजस्थान में भाजपा के लिए सिर्फ 56 से 58 सीटों पर बराबरी का भाव चल रहा है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस का भाव 42 पैसे चल रहा है जबकि भाजपा का भाव 1.10 रुपए। सट्टा बाजार के अनुसार कांग्रेस को 120 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं, यहां भाजपा 96-97 सीटों पर सिमट सकती है।
छत्तीसगढ़ के चुनाव परिणामों पर सट्टा बाजार में इस वक्त कांग्रेस और भाजपा को 40-42 सीटों पर बराबरी का भाव मिल रहा है। जबकि राज्य में बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए।