मोटिवेशन : जब समय खराब चल रहा हो तो करें ये 5 कार्य
जीवन में अप एंड डाउन चलते रहते हैं। कभी समय अच्छा रहता है तो कभी समय खराब। खराब समय में कई लोग अपना आपा खो देते हैं, निराश हो जाते हैं, असफल हो जाते हैं या हार मान लेते हैं। आओ जानते हैं कि जब समय खराब चल रहा हो तो क्या करना चाहिये।
1. विनम्रता बनाएं रखें : जब तूफान चल रहा होता है तो वे वृक्ष बच जाते हैं जो लचिले होते हैं या कहें कि तूफान या आंधी के सामने झुकना जानते हैं वे बच जाते हैं लेकिन जो वृक्ष लचिले होते हैं या अकड़ कर खड़े रहते हैं वे जल सहित उखड़ जाते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि जीवन में जब विपरीत परिस्थिति चल रही हो तो व्यक्ति को और भी ज्यादा विनम्र हो जाना चाहिए। घंमंडी, अकड़ू या अहंकारी को कोई नहीं पूछता है।
2. खुद को मेटिवेट करें : विपरीत परिस्थिति में खुद को मेटिवेट करना जरूरी होता है ऐसे में आप मोटिवेशनल स्पीच सुनें या पढ़ें। व्यक्ति क्या है यह महत्वपूर्ण नहीं परंतु व्यक्ति में क्या है यह महत्वपूर्ण है। तुम जो सोचते हो या जो कहते हो वह उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना की तुम जो मानते हो। अपनी मान्यता या धारणा पर ध्यान दो। गलत मान्यता या धारणों का त्याग कर दो, क्योंकि तुम्हारे मानने से ही तुम्हारा भविष्य निर्मित होता है।
3. पलायन न करें : विपरीत परिस्थिति में आप दु:खों से घबराकर पलायन न करें बल्कि उसका मुकाबला करें। मुकाबला करने वाले जीत जाते हैं। दिमाग सबसे शक्तिशाली चीज है यदि उसने हार नहीं मानी है तो आपकी जीत निश्चित है। संकट उसी व्यक्ति के समक्ष खड़े होते हैं जो उनका हल जानता है। सफलता का रास्ता आपके खिलाफ खड़ा किया गया विरोध और संकट ही बनाता है। विपरीत परिस्थिति अर्थात संकट का समय। ऐसा समय जो आपके समर्थन में नहीं है या संकटकाल है। संकट के समय ही यह सिद्ध करने का होता है कि आप योग्य हो, काबिल हो और सर्वेश्रेष्ठ हो। संकट चाहे खुद पर आया हो, परिवार पर, मित्र पर आया हो या आपके संस्थान पर आपको उस समय ही डटकर मुकाबला करना होता है। संकट के समय पलायन करने या हथियार डाल देने से धर्म का भी त्याग हो जाता है।
4 .योग्यता बढ़ाएं और समाधान खोजें : आपमें जितनी ज्यादा योग्यता या हुनर और कुशलता रहेगी आपकी सफलता के चांस उतने ही बढ़ जाएंगे और विपरीत परिस्थिति में आपका हुनर ही आपके काम आएगा। ऐसे में यदि कुछ नया सीखने को मिले तो हिचकिचाएं नहीं। कहते हैं कि जब समय बुरा हो तो हमें उससे एकदम से लड़ने के बजाय उसे समझकर उसका समाधान खोजना चाहिए और तब ही पराक्रम करना चाहिए। जरूरी है कि समस्याओं पर चिंता करने के बजाय उसे पर चिंतन करना।
5. भाग्य नहीं कर्म पर भरोसा करें : जिंदगी भाग्य से नहीं चलती। भाग्य भी तभी चलता है जब कर्म का चक्का घुमता है। अपनी चीज को हासिल करने के लिए कई बार युद्ध करना पड़ता है। अपने अधिकारों के लिए कई बार लड़ना पड़ता है। जो व्यक्ति हमेशा लड़ाई के लिए तैयार रहता है, लड़ाई उस पर कभी भी थोपी नहीं जाती है।