• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. वामा
  3. मातृ दिवस
  4. mothers day poems
Written By

मदर्स डे पर 5 कविताएं : इंद्रधनुष की रंगत मां

मदर्स डे पर 5 कविताएं : इंद्रधनुष की रंगत मां - mothers day poems
तुमसा कोई नहीं है मां
 
मेरे हर दुःख-दर्द की
दवा है मेरी मां,
मुसीबतों के समय
मख़मली ढाल है मेरी मां,
अपनी चमड़ी के जूते बनाकर
पहनाऊं वह भी कम है, मां,
इस जहां में तो क्या,
किसी भी जहां में
तुमसा कोई नहीं है मां
-विनीता शर्मा
 
इंद्रधनुष की रंगत मां
 
प्यार की परिभाषा है मां
जीने की अभिलाषा है मां
हृदय में जिसके सार छुपा
शब्दों में छिपी भाषा है मां
इंद्रधनुष की रंगत है मां
संतों की संगत है मां
देवी रूप बसा हो जिसमें
ज़मीं पर ऐसी जन्नत है मां
-मधु टांक
 
तपती दोपहर में छाया
 
मुश्किल है कुछ शब्दों में
बयाँ करना मां को
दुनिया की तपती दोपहर में
अपने आंचल की छाया देती है मां
कठिन सफ़र को सरल बनाती
सपने साकार करती मां
हमारी ख़ुशी में ख़ुश होती
दुःख में दुःखी होती है मां
-वंदना वर्मा
 
मैं तुझ सी बन पाऊं मां
 
ईश्वर की रचना हम सब,
पर तू तेरी पहचान है मां
तू ही कुरान, तू ही गुरुग्रंथ,
तुझमें ही गीता का ज्ञान है मां
यह जो मुकाम पाया है मैंने,
एक तेरा ही एहसान है मां
भगवान से और क्या मांगू,
तुझ जैसी बन पाऊं
बस इसमें ही मेरा सम्मान है मां
-डॉ. शोभा ओम प्रजापति
 
मेरे पास मां है
 
एक विक्षिप्त सी मां
कुछ माह की बच्ची को गोद में समेटे
स्तनपान करा रही थी
नज़रें चपल सी चारों ओर घुमा रही थी
बच्ची बलात्कार की निशानी थी
बार-बार सिर घुमाकर मुस्कुरा रही थी
मानों कह रही हो
तुम मेरा क्या बिगाड़ सकते हो
मेरे पास मां है।
-विद्यावती पाराशर

साभार- मेरे पास मां है