• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. वामा
  3. मातृ दिवस
  4. a report about Mothers Day
Written By

मां के लिए क्या कहता है बच्चों का दिल, एक रिपोर्ट

मां के लिए क्या कहता है बच्चों का दिल, एक रिपोर्ट - a report about Mothers Day
मां के लिए अपनी खूबसूरत भावनाओं को व्यक्त करने का प्यारा दिन नजदीक है और हमने मार्केट देखे बच्चे जो  तलाश रहे थे कुछ ऐसा जो सबसे नायाब हो, सबसे अलग हो और जो मां की पसंद के अनुरूप हो। हमने बात की हर उम्र की संतान से तो किसी ने मां के साथ अपने रिश्ते को खूबसूरत कविता के रूप में बयान किया तो किसी ने भावनाओं के इजहार के लिए शब्दों की सीमा को नाकाफी बताया।
 
अपनी मां के परिश्रम और लगन की गाथा बताते हुए नीतू अग्रवाल भावुक हो उठी। वह कहती है, 'बागों में फूल बहुत हैं लेकिन गुलाब एक है, रिश्ते बहुत हैं लेकिन मां सिर्फ एक है।' 
 
प्रेमलता सरीन योगा ट्रेनर है वह कहती हैं 'धरती की तरह मां भी अपने जीवन में बच्चों का सुरक्षा कवच बनती है। मां की ममता को किसी परिभाषा में बांधना मुश्किल है। - 
 
श्रीमती विमलेश श्रीवास्तव की मां की उम्र 87 वर्ष है। पर वे हर मदर्स डे पर उन्हें विश करती हैं। उनके अनुसार 'दुनिया में आने के बाद बच्चा सबसे पहले मां को ही पहचानता है और उसके मुंह से निकलने वाला पहला शब्द मां ही होता है।'
 
कमलेश बेरी बीकॉम फाइनल इयर में हैं वह काव्यात्मक लहजे में कहते हैं मां है प्रीत, मां है मीत,नेह का सागर मां ही है, मां है प्रकाश, मां है आकाश, जीवन की भोर मां ही है...।"- 
 
प्रज्ञा मालवीय,डीपीएस में पढ़ती है, वह अपनी मीठी आवाज में कहती है 'भगवान हर जगह हमारे साथ नहीं रह सकते इसलिए उन्होंने मां  के रूप में अपनी छवि को ही हमारे पास भेजा है। 
 
मुझे अपनी मां का साथ जिंदगी की कड़ी धूप में शीतल छाया की तरह लगता है। मेरी हर समस्या का इलाज मेरी मां के पास है चाहे अचार डालना हो या कोई पकवान बनाना हो या फिर कोई भी व्यक्तिगत उलझन,मेरी हर परेशानी मां के पास जाकर खत्म हो जाती है। मेरी मां कहती है कि जो भी स्थिति आए रोने या कमजोर होने के बजाए उसका सामना दृढ़ता के साथ करो। -ज्योति जोशी, शिक्षिका  
 
आशा साहू ने असमय मौत का शिकार हुई अपनी जेठानी के बच्चों की मां बनकर सर्वप्रथम मातृत्व को महसूस किया और फिर अपने बच्चों के साथ ही जेठानी के बच्चों को भी मां की कमी महसूस नहीं होने दी। वे कहती हैं , आज मुझे बच्चों व नाती-पोतों के भरे-पूरे परिवार की सदस्य के रूप में गर्व का अहसास होता है।  
 
संध्या सिन्हा प्रायवेट जॉब करती हैं  वह अपनी भावना कुछ यूं व्यक्त करती हैं... मां की महिमा क्या गाऊं, मां की कहानी क्या सुनाऊं, हे मां तू है महान, तूने हमको जन्म दिया, मिले हर जन्म में तेरी कोख,मां तुझे सलाम...
ये भी पढ़ें
हर्बल फेशियल यानी चमकती त्वचा, खिलता चेहरा (8 जरूरी बातें)