कला के बिना विज्ञान भी अधूरा है!
-सुषम बेदी
अस्पताल किसी के लिए भी सुंदर और सुखद जगह नहीं होते। जहां तक हो सके, हम सब की यही ख्वाहिश होगी कि खुदा करे अस्पताल के चक्कर न ही लगें। पर हम सब यह भी जानते हैं कि कभी न कभी चक्कर तो लगाना ही पड़ता है। शरीर चीज ही ऐसी है कि कोई न कोई रोग तो लगना है। आपको नहीं तो आपके किसी प्रियजन को। और आपको अस्पताल जाना ही पड़ता है।एक चीज जो अमेरिका के अस्पतालों में मैंने इधर महसूस की, वह थी अस्पताल के माहौल को अधिक से अधिक आकर्षक और कलात्मक बनाया जाए तो रोगी की हालत में और भी जल्द सुधार आएगा। जहां तक मेरा भारत का अस्पताली अनुभव था, वह सुंदरता और कलात्मकता से कोसों दूर था। यूं न्यूयॉर्क के अस्पतालों में भी मुझे सुंदर चित्र देखने को मिले तो इस बात पर मेरा ध्यान गया था। यूं ज्यादातर मैंने महान यूरोपीय पेंटिंग्स के इन अस्पतालों में प्रिंट्स ही देखे थे, मूल चित्र बहुत कम। पिछले हफ्ते एक करीबी पारिवारिक सदस्य की जांच और इलाज के लिए मुझे मिनिसोटा राज्य के एक छोटे से शहर रोचेस्टर आना पड़ा, जहां का मेयो क्लीनिक अपने कलात्मक झुकावों से मुझे हैरान कर गया। यह अस्पताल 19वीं सदी के एक डॉक्टर मेयो द्वारा शुरू किया गया और डॉक्टर मेयो के दो बेटे विलियम और चार्ली ने पिता के बनाए इस अस्पताल को और भी बड़ा बना दिया। यहां तक कि उन्होंने अपने जीवनकाल में ही इसे निजी के बजाए जन अस्पताल बना दिया। इसका बोर्ड बना और आज तक वैसा ही चल रहा है। अमेरिका के कई प्रेसीडेंट भी इसके बोर्ड में रह चुके हैं। यह अस्पताल इस समय अमेरिका के तीन सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में है (दूसरे दो में एक क्लीवलैंड और एक टेक्सास में है) और दुनियाभर से असाध्य रोगों के मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं। एक बात यह भी कह देनी चाहिए कि दूर देशों से लोग यहां इलाज के लिए आते तो हैं, पर ये लोग धनवान ही होते हैं। वरना तो अमेरिका में जिनके पास मेडिकल इंश्योरेंस है वे दूसरे अस्पतालों की ही तरह यहां भी इलाज करवा सकते हैं। चूंकि यहां विदेशों से बहुत से रोगी आते हैं इसलिए इस अस्पताल का अलग से एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र बना हुआ है ताकि बाहर से आने वालों की जरूरतों की ठीक से देखभाल की जा सके। अंतरजाल पर मेयो अस्पताल के बारे में न केवल सूचनाएं हैं बल्कि कई तरह के इलाजों की सूचनाएं या डाइट प्रोग्राम वगैरह की भी सूचना मिलती हैं।