मंगलवार, 14 जनवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. महाराष्ट्र
  4. Sanjay Raut objected to Mohan Bhagwat's statement
Last Updated :मुंबई , मंगलवार, 14 जनवरी 2025 (17:42 IST)

संजय राउत को मोहन भागवत के बयान पर आपत्ति, कहा- संघ प्रमुख संविधान निर्माता नहीं

भागवत ने राम मंदिर निर्माण को भारत की सच्ची आजादी बताया था

sanjay raut
Sanjay Raut News: शिवसेना (उबाठा) के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के इस बयान पर आपत्ति जताई है कि भारत को सच्ची आजादी तब मिली, जब अयोध्या में राम मंदिर (Ram temple) का निर्माण हुआ। राउत ने भागवत के बयान पर आपत्ति जताते हुए मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख संविधान के निर्माता नहीं हैं।ALSO READ: क्या भंग होगा इंडिया गठबंधन और MVA, संजय राउत ने दिया बड़ा बयान
 
भगवान राम का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं हो : उन्होंने कहा कि भगवान राम का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए। राउत ने आरएसएस प्रमुख की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही है। आरएसएस प्रमुख ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि सदियों तक विदेशी आक्रमणों को झेलने वाले भारत को सच्ची आजादी पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ मिली।ALSO READ: Maharashtra Politics : संजय राउत का दावा, सांसदों को तोड़ने की कोशिश कर रहे अजित पवार
 
राउत ने यहां कहा कि आरएसएस प्रमुख एक सम्मानित व्यक्ति हैं, लेकिन वे संविधान के निर्माता नहीं हैं। वे इस देश के कानूनों का मसौदा तैयार नहीं करते या उनमें बदलाव नहीं करते। रामलला के विग्रह का प्राण-प्रतिष्ठा वास्तव में देश के लिए गौरव का क्षण है और मंदिर निर्माण में सभी ने अपना योगदान दिया है। लेकिन यह दावा करना गलत है कि देश अभी आजाद हुआ है।ALSO READ: शिवसेना यूबीटी अकेले लड़ सकती है BMC चुनाव, संजय राउत ने दिए संकेत
 
भगवान राम का राजनीतिकरण नहीं हो : राज्यसभा सदस्य ने कहा कि भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिली थी लेकिन भगवान राम का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। शिवसेना (उबाठा) के नेता ने कहा कि रामलला हजारों वर्षों से इस धरती पर विराजमान हैं। हमने उनके लिए लड़ाई लड़ी है और लड़ते रहेंगे, लेकिन रामलला को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने से देश को वास्तविक आजादी नहीं मिलेगी।
 
भागवत ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा दिवस को 'प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में मनाया जाना चाहिए, क्योंकि कई शताब्दियों तक 'परचक्र' (विदेशी आक्रमणों) का सामना करने वाले भारत की 'सच्ची स्वतंत्रता' उस दिन स्थापित हुई थी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta