गुरुवार, 21 नवंबर 2024
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Written By WD

पहल 89

(जुलाई अंक)

पहल 89 -
WD
संपादक
ज्ञानरंजन
सलाहकार संपादक - जितेन्द्र भाटिया, परितोष चतुर्वेदी, विनोद कुमार श्रीवास्तव, विजय कुमार

प्रकाशक - पहल
101, रामनगर, अधारताल, जबलपुर-482004
फोन - 2460393

पत्र
वी.पी.भारतीय (ग्वालियर),
अनिल कुमार सिन्हा (दिल्ली)

निधन
सुलभा कोरे : एक आहत कवि हृदय
सुखदेव सिंह : ग़ैरों की जमीन को अलविदा
अनुवाद - सत्यपाल सहगल : लालसिंह दिल की कविताएँ

लोकायत
गोंड और कोरकू गीत : प्रस्तुति - धर्मेंद्र पारे
भर्तृहरि की कविता : अनुरचना : पंकज चतुर्वेदी

रॉटरडम कविता महोत्सव
गीत चतुर्वेदी : अतीत में जाना है तो एक ट्राम पकड़ लो

सामयिक
जहाँ ज्ञान हो स्वाधीन : सुदीप बैनर्जी (व्याख्यान)
शिवसेना, कल आज और कल : कुमार केतकर

क़िताब
भगवा एजेंडा का नया रेटरिक/माइ कंट्री माइ लाइफ
कभी मिलना है हम करोड़ों को, हम करोड़ों से (विष्णु खरे) - व्योमेश शुक्ल
नहीं, बराबरी की बात कभी हुई ही नहीं (असद ज़ैदी) - व्योमेश शुक्ल
असद ज़ैदी की कविताएँ

पहल विशेष

उर्दू रजिस्टर/लंबी कहानी
ख़ालिद जावेद : शोक गीत गाने वाला

लंबी कविता
एकांत श्रीवास्वत : नागकेसर का देश यह

साक्षात्कार - बातचीत संवाद
मैं ऐसी किताबें पढ़ता हूँ जिसमें वर्चस्व के नाम पर लेखकीय दखल नहीं होता
विक्रम सेठ के साथ सुदीप सेन/अनुवादक - शिवदेव

सफलता ने मुझे तबाह कर दिया
अरुंधति राय से शोमा चौधरी/अनु. योगेंद्र आहूजा
जैसे कि यह जगह जहाँ गलियों में आप उपन्यास से टकरा सकते हैं
सलमान रशदी से एलेस्टेयर निवेन / अनुवादक - ओमप्रकाश

कविताएँ
कुमार अंबुज/शैलेन्द्र चौहान/प्रेमशंकर रघुवंशी
प्रताप राव कदम और अनिल त्रिपाठी

आलेख
चिंता और चेतना (किशोरीलाल गोस्वामी) मधुरेश : (अंतिम किश्त)
विस्थापन और संस्कृति : परमानंद श्रीवास्तव (दूसरी कड़ी)
उत्तर उपनिवेशवाद और प्राच्यवाद : रवि श्रीवास्तव

धारावाहिक
पन्नों की फटती छाती पर (अनामिका) : जितेन्द्र श्रीवास्तव (अंतिम)

डायरी
प्रभात त्रिपाठी : 12 और 13 अगस्त 07

नए कहानीकार
कृष्ण मोहन : भूलता तो यह भी जा रहा हूँ कि भूलता जा रहा हूँ मैं
मनीष द्विवेदी : एक प्रेम कहानी के आखिरी पन्ने

गीत दुनिया
श्री कृष्ण शर्मा और कुमार रवींद्र

मूल्य : 50 रुपए