कार्यालय भारतीय ज्ञानपीठ 18, इन्स्ट्ीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, पो. बॉ. नं. 3113 नई दिल्ली- 110003 फोन : 2462-6467, 2465 4169 ई-मेल - www.jnanpith.net
तरतीब स्मरण : किशन महाराज - इंदु जैन व्योमेश शुक्ल : कठिन का अखाड़ेबाज पद्मा सचदेव : मिठबोलड़ी इंदु
दुर्लभ पत्र विजयदेव नारायण साही : दोस्तो मेरा काम इस संसार में खत्म हुआ, अब जा रहा हूँ
शहरयार गुलजार : बंबई, पुरानी दिल्ली की दोपहर, कलकत्ता, मद्रास, न्यूयार्क
कहानी जैनेंद्र जैन : एक रात अमरकांत : भूकंप एस.आर. हरनोट : अ-मानव मो. आरिफ- मृत्युपर्व अनुज : खूँटा
कीर्तिमान : जैनेंद्र कुमार विजयमोहन सिंह : जैनेंद्र की एक अविस्मरणीय कहानी 'एक रात' (मेरी प्रिय कहानी)
कविता हेमंत शेष : रंगबिरंगी आवाज के बारे में, तुम सिर्फ एक नाम भर हो, समय जैसा कुछ इति जैसा शब्द पंकज चतुर्वेदी : बारिश, आत्मा में, प्रेरणा, झुकता है साथ, उनके न होने में प्रेमशंकर रघुवंशी : दिल्ली आने का निमंत्रण, दिल्ली को जाने बिना, राजधानी है दिल्ली, दिल्ली के इतिहास में, मौजूद हैं दिल्ली में, तुम्हारी दिल्ली, दिल्ली के अंदर निठल्ली नहीं बैठती तुम्हारी दिल्ली, जरूर आऊँगा दिल्ली
संपूर्ण उपन्यास आबिद सुरती : आदमी और चूहे
देशकाल कृष्णनाथ : औनें रया (यात्रा) रणजीत साहा : सफर में धूप तो होगी (यात्रा) राजेंद्र कुमार : महादेवी में छाया जग (जन्मशती) प्रांजल घर : मीडिया : नियमन की लकीरें (मीडिया) मनीषा कुलश्रेष्ठ : हिंदी की गुडि़या बनाम यू एन की 'बार्बीज' (इंटरनेट) शशांक दुबे : मौत मिटा दे चाहे हस्ती याद तो अमर है (मैटिनी शो)
पत्र-पत्रिकाएँ उमाशंकर चौधरी : कठिन दौर में लघु पत्रिकाएँ
प्रसंग अजय तिवारी : विजयी विश्व धर्मध्वज प्यारा
पहली परंपरा की खोज भगवान सिंह : जात जात में जात है ज्यों केले के पात