भोपाल। यहां लिव-इन-रिलेशन में साथ रह रही अपनी 28 वर्षीय प्रेमिका की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या करने और घर के चबूतरे में उसकी लाश को दफन करने वाला 32 वर्षीय युवक सीरियल किलर भी हो सकता है, क्योंकि पुलिस पूछताछ में उसने कबूल किया कि छह साल पहले उसने अपने मां-बाप की हत्या कर उन्हें रायपुर में दफना दिया है।
भोपाल के पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि पूछताछ के दौरान दास ने पुलिस को बताया कि उसने वर्ष 2010-11 में अपने मां-बाप की गला घोंटकर हत्या कर दी और रायपुर में अपने घर के परिसर में उनके शवों को दफना दिया।
उन्होंने कहा कि हम पुलिस का एक दल रायपुर भेज कर इसकी जांच करवा रहे हैं। उसके बयानों पर विश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि वह बार-बार अपने बयान बदलता है। नगर पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र मिश्रा ने बताया कि इससे पहले पुलिस को दिए गए अपने बयान में आरोपी ने कहा था कि उसके पिता पीके दास का वर्ष 2010 में दिल का दौरा पड़ने से एक अस्पताल में उनका निधन हो गया था।
उन्होंने कहा कि अपनी मां के बारे में भी वह परस्पर विरोधी बयान दे रहा है। कभी अपनी मां को अमेरिका में होना बताया है और कभी दिल्ली में होना बताता है। उन्होंने बताया कि आरोपी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है और पूरे विश्वास के साथ झूठ बोलने में भी माहिर है। उन्होंने कहा कि आरोपी का दिमाग बहुत तेज है और उसकी तर्कशक्ति भी काफी प्रबल है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक उदयन यहां एक स्कूल से मात्र 12वीं कक्षा तक पढ़ा लिखा है और वह आईआईटी से पास नहीं हुआ है। उदयन ने पुलिस को पहले दावा किया था कि वह आईआईटी दिल्ली से पढ़ा हुआ है। उसके माता-पिता की संपत्ति और पैसे के कारण उसका रहन-सहन काफी विलासिता पूर्ण था।
उन्होंने कहा कि उसके माता-पिता का एक फ्लैट दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी से 10,000 रुपए, रायपुर के फ्लैट से 7,000 रुपए तथा साकेत नगर स्थित मकान के भूतल का किराया 5,000 रुपए प्रतिमाह उसे मिलता था। इसके अलावा पिता के संयुक्त खाते में 8.5 लाख रुपए की एफडी का ब्याज भी उसे मिलता था। पुलिस को संदेह है कि वह अपने माता-पिता के संयुक्त खाते से उनकी पेंशन की रकम भी निकाल लेता था।
पूछताछ में उदयन ने पुलिस को बताया कि अंग्रेजी हॉरर सीरियल ‘वॉकिंग डेड’ से प्रेरित होकर उसने अपनी प्रेमिका की हत्या और बाद में उसकी लाश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी साकेत नगर में अपने मकान की पहली मंजिल के अपने घर में काफी विलासितापूर्वक रहता था। घर के तीनों कमरों में एलसीडी लगे हैं और उसके पास एक महंगी कार भी थी। लेकिन घर की साफ सफाई के लिए उसने कोई नौकर नहीं रखा था। उसके घर में चारों ओर सिगरेट के टुकड़े और शराब की खाली बोतलें बिखरी पड़ी थीं।
पुलिस ने बताया कि पुलिस जब दो फरवरी को उसे गिरफ्तार करने उसके घर में घुसी तो घर में होटल से लाए गए खाने के सड़ने और गंदगी से सारा घर बदबू मार रहा था। पुलिस ने दावा किया कि आरोपी पिछले लगभग तीन माह से पानी के स्थान पर शराब और बीयर पी रहा था और करीब तीन माह से ही उसने नहाया भी नहीं किया था। अपने शरीर की दुर्गंध दूर करने के लिए वह महंगे परफ्यूम लगाता था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी अक्सर लड़कियों के साथ बाहर घूमने जाता था, यह लड़कियां अपनी-अपनी पहचान छुपाने के लिए अमूमन अपने चेहरे पर हिजाब लगाए रहती थीं। सोशल मीडिया के जरिए उदयन की आकांक्षा शर्मा से दोस्ती हुई थी। आकांक्षा आरोपी के साथ यहां भोपाल के साकेत नगर में उसके घर में रहती थी, जबकि आकांक्षा ने अपने माता-पिता को बताया था कि वह अमेरिका में रह रही है। गत दिसंबर से आकांक्षा के माता-पिता का जब उससे संपर्क होना बंद हो गया तो उन्हें इस पर संदेह होने लगा।
पश्चिम बंगाल के बांकुरा की रहने वाली आकांक्षा के शव को उदयन के पहली मंजिल स्थित घर में सीमेन्ट-क्रांकीट के बने चबूतरे से 3 फरवरी की सुबह ड्रिल मशीनों से खोदकर निकाला जा सका। आरोपी ने आकांक्षा की हत्या करने के बाद अपना गुनाह छुपाने के लिए उसकी लाश को एक लोहे के बाक्स में डाला और फिर इस बाक्स को एक और बड़े बाक्स में डालकर उसे पहली मंजिल स्थित अपने घर के कमरे में सीमेन्ट-क्रांकीट के चबूतरे में डालकर चुन दिया और चबूतरे के ऊपर मार्बल लगा दिया।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने उदयन को यहां उसकी लिव इन पार्टनर आकांक्षा उर्फ श्वेता की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने आकांक्षा की हत्या पिछले साल 14 जुलाई को की जबकि पहले उसने पुलिस को बताया था कि उसने दिसंबर में यह हत्या की थी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक आकांक्षा पर अपना अधिकार रखना चाहता था और उसने आकांक्षा की हत्या इसलिए की, क्योंकि वह मोबाइल फोन पर अपने किसी अन्य पुरुष मित्र से बात करती थी। इस बीच आकांक्षा के परिजनों ने आज यहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस ने शव की खराब हालत के कारण उसे पश्चिम बंगाल नहीं ले जाने की सलाह परिजनों को दी थी। (भाषा)