कांग्रेस में 3 माह के भीतर होंगे संगठनात्मक चुनाव, कमलनाथ ने कहा- जी-23 नेताओं की सभी मांगें मानी गईं
भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि कांग्रेस असंतुष्टों के 'जी-23' समूह ने कभी यह मांग नहीं की कि गांधी परिवार के बाहर का कोई नेता पार्टी का नेतृत्व करे। उन्होंने यहां अपने आवास पर कहा कि संगठनात्मक चुनाव की उनकी मांग मान ली गई है और यह चुनाव तीन महीने के अंदर कराए जाएंगे।
गांधी परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि जी-23 समूह के सभी नेताओं से मेरा सम्पर्क है। वर्षों हमने साथ में काम किया हुआ है। उन्होंने कभी ऐसी मांग नहीं की। उनकी सभी मांग मान ली गई हैं।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने (जी-23 समूह) ने पार्टी चुनाव की मांग की। सदस्यता के बिना चुनाव नहीं कराए जा सकते हैं, इसलिए संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया भी चल रही है और चुनाव तीन महीने के समय में आयोजित किए जाएंगे। सारी चीजें जल्द सामने आएंगी।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली, भोपाल, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में बैठे और देश के बारे में बात करने वाले लोग कस्बों और गांवों को नहीं समझते हैं। संगठनात्मक सुधारों की मांग कर रहे जी-23 नेताओं ने 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इस महीने की शुरुआत में बैठकें की थीं।
कमलनाथ ने महंगाई को लेकर केंद्र और मध्यप्रदेश की भाजपा सरकारों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज महंगाई से देश का हर वर्ग परेशान है। आज सभी चीज़ का भाव बढ़ चुका है, घटा है तो सिर्फ शराब का दाम। कमलनाथ ने केन्द्र एवं मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आज दूध महंगा हो रहा है और शराब सस्ती हो रही है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें सिर्फ वाहनों को ही प्रभावित नहीं करती बल्कि खाद्य पदार्थ, दूध, सब्जी दवाई व रोजमर्रा की चीजों को भी यह प्रभावित करती है, क्योंकि इससे परिवहन पर आने वाला खर्च बढ़ता है।
कमलनाथ ने कहा कि जो मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) 2013-14 में बढ़ती महंगाई पर बड़ी-बड़ी बात करते थे, जो शिवराज जी (मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान) साइकिल चलाते थे, वो सभी आज इस मुद्दे पर चुप हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान आज केवल घोषणाओं और आश्वासन की फैक्ट्री एवं कारखाना खोले हुए हैं।
कमलनाथ ने कहा कि पिछले चार साल के मुकाबले आज खाद-बीज के भाव में काफी वृद्धि हो चुकी है। आज बढ़ती महंगाई से किसान, नौजवान एवं छोटा व्यापारी त्रस्त है। उन्होंने कहा कि पूरे मध्यप्रदेश में आर्थिक गतिविधि चौपट है, इसलिए हमने आज बढ़ती महंगाई को लेकर आंदोलन करने का निर्णय लिया है, ताकि किसी भी तरह इनके आंख और कान खुलें क्योंकि इनका मुंह तो खुला हुआ है, लेकिन आंख और कान बंद हैं।