मध्यप्रदेश प्रदेश में प्रारंभ होंगे नए वन्य प्राणी रेस्क्यू सेंटर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश देश का सर्वाधिक वन क्षेत्र और वन्यजीवों की विविधता से संपन्न राज्य है। भारत में सबसे अधिक बाघ (टाइगर) मध्यप्रदेश की धरती पर देखने को मिलते हैं। तेंदुआ (लेपर्ड) और गिद्ध (वल्चर) की संख्या भी मध्यप्रदेश में सबसे अधिक है। प्रदेश के अलग-अलग वन क्षेत्रों में मगरमच्छ और घड़ियालों का बसेरा है। प्रदेश में वन्य जीव संरक्षण, जंगलों की रक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में वन्य प्राणी संरक्षण सहित सभी क्षेत्रों में तेज गति के साथ अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए वन्य प्राणी रेस्क्यू सेंटर स्थापित किये जायेंगे।
संभाग स्तर पर रेस्क्यू सेंटर- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अब वन्यजीव प्रेमियों के लिए मध्यप्रदेश में किंग कोबरा भी लेकर आए हैं। चीतों को पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान से गांधी सागर वन क्षेत्र में छोड़कर एक नया नेशनल पार्क विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक दो नए टाइगर नेशनल पार्क बनने और चीतों के साथ-साथ दूसरे वन्य जीवों की संख्या बढ़ने से संभाग स्तर पर रेस्क्यू सेंटर की आवश्यकता महसूस हो रही है। इन सेंटर्स की स्थापना के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में अब तक केवल एक रेस्क्यू सेंटर राजधानी भोपाल स्थित वन विहार में है। यहां प्रदेशभर से घायल और बीमार वन्यजीवों को इलाज के लिए लाया जाता है, लेकिन उनके अनुकूल वातावरण में बदलाव हो जाने के कारण कई बार परेशानियां आती हैं। वन्यप्राणियों की जीवन रक्षा और उनके जीवन में सुखद बदलाव लाने के लिए संभाग स्तर पर रेस्क्यू सेंटर शुरू करने का प्रयास है।
मध्यप्रदेश में जू़ की संख्या बढ़ेगी-राज्य सरकार प्रदेश में चिड़ियाघरों अर्थात प्राणी उद्यान (जू़) की संख्या में भी वृद्धि करने जा रही है। बजट में दो प्राणी उद्यान की स्थापना को स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गुजरात में देश का सर्वश्रेष्ठ जू एवं रेस्क्यू सेंटर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि वे गुजरात की अध्ययन यात्रा में जामनगर में वन्यजीवों की देखरेख के लिए की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे साथ ही वन्यजीवों का आदान-प्रदान कर उनके जीवन रक्षा की संभावनाएं भी तलाशेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के कई विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों में वेटनरी कोर्स और वेटनरी अस्पताल शुरू कर पशु चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। निकट भविष्य में इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। वन संपदा और वन्यजीवों के संरक्षण का भी व्यापक अभियान प्रदेश में चल रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया है कि अगर किसी वन्यजीव के संकट में होने की जानकारी मिले या दिखाई दे तो नज़दीकी फॉरेस्ट ऑफिसर को सूचित करें। प्रदेश सरकार अपने नागरिकों की चिंता करने के साथ-साथ वन्यजीवों को संरक्षण प्रदान करने के लिए भी संवेदनशील है।