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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : बुधवार, 15 जनवरी 2020 (11:31 IST)

राज्यसभा चुनाव से पहले ‘डिनर डिप्लोमेसी’ से सिंधिया का शक्ति प्रदर्शन

Jyotiraditya scindia
मध्य प्रदेश में सियासी गलियारों में अचानक से गर्मी आ गई है। कांग्रेस में लंबे समय से हाशिए पर दिख रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर प्रदेश में बढ़ती सक्रियता ने अटकलों के बाजार को गर्म कर दिया है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद लंबे समय से कांग्रेस में अलग थलग पड़ते दिखाई दे रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुरुवार (16 जनवरी) से चार दिन तक भोपाल में डेरा डलाने ने कांग्रेस की अंदरखाने की राजनीति गर्मा गई है। 
 
अब तक तय कार्यक्रम के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया 16 जनवरी को भोपाल पहुंचेंगे और कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। सिंधिया के इस दौरे के दौरान गुरुवार को राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सरकारी बंगले पर दिए जाने वाले डिनर पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। सियासी गलियारों में काफी चर्चित इस डिनर में कांग्रेस के सभी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ के भी शामिल होने की संभावना है। इस डिनर डिप्लोमेसी को राज्यसभा चुनाव और सिंधिया के प्रदेश अध्यक्ष की दावेदारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सियासत के जानकार कहते हैं कि  सिंधिया अपने इस दौरे के दौरान फिर प्रदेश की राजनीति में एक तरह से फिर अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे है क्योंकि सिंधिया को लेकर पिछले काफी लंबे समय से कई तरह की अटकलें लगती आई है। 
अपने भोपाल प्रवास के दौरान सिंधिया करीब आठ महीने बाद एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस के दफ्तर पहुंचेंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार सिंधिया 17 जनवरी को सुबह 11 बजे के करीब प्रदेश कांग्रेस दफ्तर पहुंचकर पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलेंगे इस दौरान सिंधिया कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी कर सकते है। इस बैठक में सिंधिया समर्थक मंत्रियों के साथ ही बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं के पहुंचाने का अनुमान जताया जा रहा है। 
 
सिंधिया समर्थक मंत्री पिछले काफी लंबे समय से अपने ‘महाराज’ को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग कर रहे है वहीं लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले सिंधिया को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजे जाने के लिए समर्थकों ने दबाव बनाना शुरु कर दिया है। 
 
अप्रैल में मध्य प्रदेश से 3 राज्यसभा सीटें खाली हो रही है। जिसमें विधानसभा सदस्या संखाय के हिसाब से कांग्रेस को दो सीटें मिलना तय है, ऐसे में राज्यसभा की इन दो सीटों को लेकर खेमेबाजी शुरु हो गई है। एक सीट से वर्तमान सांसद दिग्विजय सिंह का फिर राज्यसभा जाना लगभग तय माना जा रहा है वहीं एक सीट से सिंधिया समर्थक महाराज को भेजे जाने की मांग दिन प्रतिदिन तेज करते जा रहे है। हलांकि खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया कह चुके है कि उन्होंने 18 साल तक कोई पद नहीं मांगा और अब भी कोई पद नहीं मांगेंगे।
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