मध्यप्रदेश का अंतरिम बजट पारित, 1.45 लाख करोड़ रुपयों का किया प्रावधान
Interim budget of Madhya Pradesh passed : मध्यप्रदेश विधानसभा में आज मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट (लेखानुदान) से संबंधित विनियोग विधेयक को ध्वनिमत से पारित करने के साथ ही लेखानुदान को अनुमति मिल गई। उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा (Jagdish Deora) ने सदन में सोमवार को लेखानुदान पेश किया था जिसमें 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपयों से अधिक का प्रावधान किया गया है।
सदन में आज इस पर चर्चा के उपरांत वित्तमंत्री देवड़ा ने संबंधित विनियोग विधेयक पेश किया और इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसके पहले कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य रामनिवास रावत ने एक संशोधन भी नियमों के तहत पेश किया जिस पर कुछ देर चर्चा हुई और अंतत: संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के अनुरोध पर रावत ने यह संशोधन वापस ले लिया।
1 अप्रैल से 31 जुलाई की समय अवधि के लिए अंतरिम बजट पेश : मध्यप्रदेश में लगभग 2 माह पहले गठित डॉ. मोहन यादव सरकार ने लेखानुदान के जरिए वित्त वर्ष 2024-25 के शुरुआती 4 महीनों यानी 1 अप्रैल से 31 जुलाई की समय अवधि के लिए अंतरिम बजट पेश किया है। पूर्ण बजट जुलाई माह में लाया जाएगा। अंतरिम बजट में कुल 1 लाख 45 हजार करोड़ से अधिक धनराशि का प्रावधान किया गया है। इसमें से 1 लाख 6 हजार करोड़ रुपयों से अधिक धनराशि राजस्व और 38 हजार करोड़ रुपयों से अधिक की धनराशि पूंजीगत व्यय के लिए प्रस्तावित की गई है।
देवड़ा ने सदन को बताया कि संविधान के अनुच्छेद 206 (1) के तहत अत्यावश्यक निरंतर व्यय के मदों के लिए नवीन व्यय और मद शामिल नहीं किए गए हैं। लेखानुदान का उद्देश्य 'अंतिम आपूर्ति' की स्वीकृति होने तक सरकार के क्रियान्वयन को जारी रखना है। लेखानुदान की अवधि आगामी 31 जुलाई समाप्त होने के पहले अनुदान की पुनरीक्षित मांगें सदन के समक्ष पेश की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि पूरे वित्त वर्ष के लिए बजट में 3 लाख 48 हजार करोड़ रुपयों से अधिक की धनराशि का प्रावधान प्रस्तावित है जबकि लेखानुदान के लिए 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपयों से अधिक की राशि प्रस्तावित की गई है। विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों की योजनाओं के लिए लेखानुदान में आवश्यकतानुसार वित्तीय प्रावधान किए गए हैं।
शीघ्र ही लोकसभा चुनाव के कारण केंद्र सरकार ने भी इस बार लेखानुदान पारित कराया है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश सरकार ने भी 4 माह के लिए लेखानुदान पारित कराया है।
Edited by: Ravindra Gupta