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Last Modified: मंगलवार, 18 नवंबर 2025 (17:37 IST)

विद्यार्थियों में वैज्ञानिक और नवाचारी सोच को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी-2025 का किया शुभारंभ

Chief Minister Dr. Mohan Yadav inaugurated the 52nd National Children's Science Exhibition-2025
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। देश आधुनिक विज्ञान सहित सभी क्षेत्रों में तेज गति से विकास कर रहा है। इसी वैज्ञानिक शक्ति के बलबूते ही भारत ने पड़ोसी देश को सबक सिखाया। कोविड महामारी के दौर में पूरी दुनिया ने हमारे पतंजलि योग शास्त्र का अनुसरण किया और अभिनंदन के लिए हाथ जोड़कर नमस्कार करने की पद्धति के महत्व को स्वीकारा। सम्राट विक्रमादित्य काल में नवरत्नों के समान आज देश में प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में सभी प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर दिया जा रहा है। चाहे मून मिशन हो या गगनयान प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री मोदी सफलता हो या असफलता, हर पायदान पर वैज्ञानिकों के साथ खड़े हैं।

इसी प्रकार विद्यार्थियों के बीच वैज्ञानिक और नवाचारी सोच विकसित करने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों में राज्य सरकार भी हरसंभव सहयोग प्रदान कर रही है। भारतीय प्राचीन ग्रंथो में विद्यार्थियों के 6 गुणों क्रमशः विद्या, तर्क, विज्ञान, स्मृति, तत्परता और क्रियाशीलता का उल्लेख है। यह माना जाता है कि जिसके पास यह छह गुण हैं, उसके लिए कुछ भी असाध्याय नहीं है। उन्होंने कहा कि इन्हीं गुणों के आधार पर विज्ञान की गति को बढ़ाया जा सकता है। बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में आए विद्यार्थियों में भावी भारत के विक्रम साराभाई, भाभा साहब, कलाम साहब जैसी प्रतिभाओं की झलक मिल रही है। यह बाल वैज्ञानिक भारत की विज्ञान यात्रा का नया अध्याय लिखने वाले हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को 52वीं बाल वैज्ञानिक प्रदशर्नी-2025 के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए।
 
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का श्यामला हिल्स स्थित क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आर.आई.ई.) में दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रदर्शनी के द्वार पर पहुंचने पर बाल वैज्ञानिकों द्वारा विकसित रोबोट ने उनका स्वागत किया। उन्होंने बाल प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए स्टॉल्स का अवलोकन कर बाल वैज्ञानिकों से संवाद किया और बाल वैज्ञानिकों द्वारा विकसित रोबोट और तारामंडल के मॉडल के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद तथा स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 6 दिवसीय प्रदर्शनी आगामी 23 नवंबर तक चलेगी।
 
ऋषि-मुनियों के ज्ञान और नवाचारों से समृद्ध है हमारी ज्ञान परंपरा- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारत के विश्व गुरू बनने में प्राचीन भारतीय वैज्ञानिक परंपरा के भाग रहे ऋषि-मुनियों के योगदान को समझने की आवश्यकता है। हमारे ऋषि-मुनि न्यूनतम आवश्यकताओं के साथ जीवन यापन करते हुए समाज के कल्याण के लिए नवाचारों को जन्म देते थे। प्रत्येक भारतीय को ऋषि-मुनियों और विद्वान से मिली परंपरा पर गर्व है। अगर हम विमान शास्त्र की बात करें तो ऋषि भारद्वाज याद आते हैं। भगवान श्रीराम के काल में पुष्पक विमान दिखाई देता है। जब शून्य के अस्तित्व को देखें तो आर्यभट्ट की ओर ध्यान जाता है और जब ग्रहों की गति देखते हैं तो भास्कराचार्य नजर आते हैं। योगशास्त्र के लिए महर्षि पतंजलि याद आते हैं। भारतीय ज्ञान परंपरा हर क्षेत्र में ऋषि-मुनियों के ज्ञान से समृद्ध हुई है।
 
योग की महिमा को विश्व के सभी देशों ने स्वीकारा- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने योग को संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित किया है। आज यूरोप से लेकर साइबेरिया और चीन से पाकिस्तान और ईरान-इराक तक लोग योगासन करते नजर आते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्राचीन सनातन संस्कृति के माध्यम से हमने दुनिया को यह बताया कि ब्रह्मांड में कोटि-कोटि सूर्य विद्यमान है। हजारों साल पहले महर्षि पतंजलि ने दुनिया को बता दिया था कि शरीर में पांच प्राण होते हैं। राज्य सरकार अंगदान को प्रोत्साहित कर रही है और देहदानियों को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया जा रहा है।
 
प्रदेश के स्कूलों में बढ़ाई जा रही है आईसीटी लैब की संख्या-स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि देशभर से भोपाल पधारे बाल वैज्ञानिक मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। राज्य सरकार विद्यार्थियों के बीच वैज्ञानिक और नवाचारी दृष्टिकोण विकसित करने के लिए लगातार कार्य कर रही है। प्रदेश के स्कूलों में आईसीटी लैब की संख्या बढ़ाई जा रही है। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कार्यक्रम में सहभागी बाल वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दीं।
 
उल्लेखनीय है कि बाल प्रदर्शनी 31 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के लगभग 900 विद्यार्थी और शिक्षकों द्वारा समाजिक समस्याओं का सामाधान बताते 240 साइंस मॉडल एवं इनोवेटिव प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए गए हैं। साथ ही बाल वैज्ञानिकों के इस महाकुंभ में मैनिट, आईसेक्ट और आईआईएसईआर के वैज्ञानिकों से संवाद सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। बच्चों को अपनी स्वाभाविक जिज्ञासा और रचनात्मकता के लिए मंच उपलब्ध कराने तथा बच्चों को अपने आसपास हो रहे क्रियाकलापों में विज्ञान और गणित की उपस्थिति का अनुभव कराने के उद्देश्य से यह प्रदर्शनी आयोजित की गई है। राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी 2025 का मुख्य विषय "सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी" है। देश के विभिन्न राज्यों के 230 विद्यालयों के बाल वैज्ञानिकों ने प्रदर्शनी में खाद्य-स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, परिवहन एवं संचार, प्राकृतिक खेती, आपदा प्रबंधन, गणितीय मॉडलिंग और कंप्यूटेशनल थिंकिंग,अपशिष्ट प्रबंधन और संसाधन प्रबंधन पर स्टाल लगाए हैं।
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