इंदौर में पलक झपकते ही ढहा दिया 67 साल पुराना पुल, बाल-बाल बचे अफसर
इंदौर। इंदौर के अति व्यस्त जवाहर मार्ग पर जर्जर हो चुके 67 साल पुराने पुल को रविवार की सुबह चंद सेकंड्स में ढहा दिया गया। जब सुबह 7 बजकर 4 मिनट पर पोकलेन के पंजों ने पिलर तोड़ना शुरू किया गया, तब उस समय नीचे कमिशनर आशीष सिंह, इंजीनियर अनूप गोयल और कुछ अफसर भी खड़े थे। ये सब संजय सेतु की ओर बढ़े और पुल भरभराकर गिर गया।
यह सारा वाकया कुछ ही सेकंड में हो गया और किसी को कुछ समझ में नहीं आया। अगर थोड़ी देर और हो जाती तो अधिकारी घायल हो सकते थे। अधिकारियों ने सूर्य देवता के हाथ जोड़कर जान की खैर मनाते हुए प्रणाम किया क्योंकि यदि हादसा हो जाता तो सभी अधिकारी अगले दिन का सूरज नहीं देख पाते।
1951 में बना था जवाहर मार्ग पुल : 1951 में सिटी इंम्प्रुमेंट ट्रस्ट द्वारा जवाहरमार्ग का पुल बना था, जिसकी मोटे तौर पर 30 लाख रुपए लागत आई थी। पुल बनने के कभी भी नगर निगम ने इसकी सुध नहीं ली। यही कारण है कि पुल का एक हिस्सा जर्जर हो गया था, जो कभी भी टूट सकता था। आखिरकार रविवार को इसे ढहा दिया गया। इस काम में 4 पोकलेन, 2 जेसीबी और 10 डंपर लगे हुए थे, जिन्होंने महज कुछ घंटों में ही आधे से ज्यादा पुल को तोड़ दिया।
शहर की लाइफ लाइन था जवाहर मार्ग पुल : हालांकि संजय सेतु के पास सरस्वती नदी पर पुल के दोनों ओर से यातायात को एक सप्ताह से ज्यादा दिन पहले ही बंद कर दिया गया था। जवाहर मार्ग के इस पुल को शहर की 'लाइफ लाइन' कहा जाता है। इसे बंद करने से हजारों वाहन तो प्रभावित हो ही रहे थे, आसपास के रहने वाले लोगों की रोजी रोटी तक छिन गई। पुल बंद करने के शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी दम तोड़ गई है और रोजाना ही स्थानीय प्रशासन को आड़े हाथों लिया जा रहा है।
23 सितंबर पुल का पिलर क्षतिग्रस्त हो गया था पुल का एक पिलर : उल्लेखनीय है कि लगातार हो रही भारी बारिश के चलते 23 सितंबर को इंदौर के जवाहर मार्ग पर स्थित पुल का पिलर क्षतिग्रस्त हो गया। पिलर का एक हिस्सा ढहने की खबर लगते ही पुल के ऊपर से यातायात रोक दिया गया है और आम आदमी के पुल के इस हिस्से से गुजरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
पीने के पानी को तरस जाएंगे लोग : 60 फुट चौड़ा और 160 फुट लंबे जवाहर मार्ग पुल को ढहाने के साथ ही यहां से गुजर रही पाइप लाइन को भी हटा दिया गया है। अब जवाहर मार्ग और आसपास की बस्तियों में पाइप लाइन से पहुंचने वाला पानी नहीं पहुंचेगा। इस नई मुसीबत ने लोगों की परेशानियों में इजाफा होने वाला है क्योंकि अब उन्हें टैंकरों के जरिए पहुंचने वाले पानी से गुजारा करना होगा।
नए पुल के लिए नए टेंडर : जवाहर मार्ग पुल की मियाद 30 साल में ही खत्म हो गई थी लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। अब जबकि यहां नया पुल बनाया जाएगा, लिहाजा टेंडर की प्रक्रिया भी होगी। 9 अक्टूबर को इसका भी खुलासा हो जाएगा कि नया पुल कौनसा ठेकेदार बनाने जा रहा है। हालांकि प्रशासन कह रहा है कि 5 महीने में पुल बनाने की समय सीमा तय की जाएगी। यदि पांच महीने में पुल तैयार नहीं होता है तो ठेकेदार पर 1 लाख रुपए प्रतिदिन का जुर्माना भी लगाया जाएगा।
15 अक्टूबर के बाद पुल निर्माण का कार्य हो सकता है शुरू : जवाहर मार्ग के पुल के ढहने के बाद शहरवासियों को ट्रैफिक समस्या से जल्दी निजात नहीं मिलने वाली है। बताया जा रहा है कि नए पुल के निर्माण का कार्य 15 अक्टूबर के बाद से शुरू हो सकता है और अप्रैल 2019 में इसके पूरा होने की संभावना जताई जा रही है।
त्योहारी सीजन होने से लोग परेशान : त्योहारी सीजन सिर पर है...नवरात्र, दशहरा और दिवाली के त्योहार आ रहे हैं। नोटबंदी और जीएसटी से पहले ही कामधंधे ठप से पड़े हैं, ऐसे में जवाहर मार्ग के पुल टूट जाने से लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है। 35 लाख से ज्यादा की आबादी के आंकड़े को पार कर चुके इस शहर को लगातार 2 बार देशभर में नंबर वन 'स्मार्ट सिटी' का तमगा मिल चुका है लेकिन स्मार्ट सिटी का लेबल पेट की भूख नहीं मिटा सकता।