मध्यप्रदेश में मध्यावधि चुनाव की आहट के बीच चुनावी मोड में भाजपा?
भोपाल। लोकसभा चुनाव के बाद क्या अब मध्यप्रदेश धीरे-धीरे मध्यावधि चुनाव की तरफ बढ़ रहा है? क्या कमलनाथ सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल नहीं पूरा कर पाएगी? क्या मध्यप्रदेश में भाजपा एक बार फिर चुनावी मोड में आ गई है?
इस तरह के कई सवाल मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में लोकसभा चुनाव के बाद से ही पूछे जा रहे हैं, लेकिन पिछले 24 घंटों में यह सवाल काफी अहम बन गए हैं। इसका कारण भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल का एक बयान है।
भाजपा सदस्यता अभियान की बैठक में शामिल होने भोपाल आए रामलाल ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में कभी भी कोई भी चुनाव हो सकते हैं इसके लिए हमें तैयार रहना होगा।
इतना ही नहीं, विधानसभा चुनाव में जिन बूथों पर भाजपा को हार मिली थी उस पर विशेष फोकस देने की बात की रामलाल ने कही। रामलाल, जो पार्टी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह के काफी करीबी और भाजपा के चुनावी व्यूह रचना करने वाले प्रमुख रणनीतिकारों में गिने जाते हैं, उनके इस बयान के काफी मायने निकाले जा रहे हैं।
रामलाल के इस बयान के बाद लोकसभा चुनाव के बाद से ही मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के भविष्य को लेकर जो सवाल भाजपा के नेता उठा रहे थे उसको एक बार फिर बल मिल गया है।
पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता विश्वास सांरग ने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता हर समय चुनाव के लिए तैयार होता है, भाजपा कभी खुद से सरकार गिराने का काम नहीं करेगी। कमलनाथ सरकार खुद अपने बोझ से अपने आप गिर जाएगी, वहीं जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कि कमलनाथ सरकार पूरे 5 साल चलेगी और भाजपा के नेता कमलनाथ सरकार गिराने या गिरने का सपना देखना छोड़ दें। पीसी शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार को सभी 121 विधायक पूरी तरह एकजुट हैं।
ऐसे में अब जब जुलाई के पहले हफ्ते में विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होगा तब देखना होगा कि कमलनाथ सरकार कितनी एकजुट होकर विपक्ष के हमलों का जवाब देती है, वहीं अगर भाजपा की चुनाव तैयारियों की बात करें तो मध्यप्रदेश भाजपा के सबसे बड़े नेता पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पिछले एक पखवाड़े से जिस तरह सरकार के खिलाफ सड़क पर दिखाई दे रहे हैं, उससे इस बात के संकेत साफ हैं कि भाजपा पूरी तरह चुनावी मोड में आ गई है।