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Last Modified: शनिवार, 15 अक्टूबर 2022 (19:04 IST)

साइबर क्राइम से बचने के लिए जानकार नहीं जागरूक बनें : वरुण कपूर

cyber crime
इंदौर। मध्यप्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं साइबर एक्सपर्ट वरुण कपूर ने कहा कि आज के दौर में बढ़ते साइबर क्राइम के बीच आपको जानकार नहीं जागरूक बनने की आवश्यकता है। जागरूक बनकर ही आप साइबर अपराधों से बच सकते हैं। कोई दूसरा आपको इससे नहीं बचा सकता। 
 
श्री कपूर ने युवा पत्रकार एकता मंच एवं सेंटपॉल इंस्टीट्‍यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में 'वर्तमान समय में बढ़ता साइबर क्राइम एवं कारण और उपाय' विषय पर बोलते हुए कहा कि साइबर वर्ल्ड में अपने डिजिटल फुट प्रिंट अच्छे से अच्छे बनाएं। क्योंकि जो भी हमने अपलोड एवं डाउनलोड किया है, उसे मिटाया नहीं जा सकता। उन्होंने साइबर कानून की धारा 67 का उल्लेख करते हुए कहा कि अश्लीलता से जुड़े मामलों में व्यक्ति को तीन साल तक की सजा हो सकती है। 
 
एडीजीपी कपूर ने साइबर अपराध से बचने के उपायों पर चर्चा करते हुए कहा कि यदि इनसे बचना है तो किसी भी अनजान कॉल को न उठाएं, वीडियो कॉल तो बिलकुल भी नहीं। अनजान ईमेल को डाउनलोड नहीं करें, सोशल मीडिया पर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें अर्थात साइबर वर्ल्ड में अनजान लोगों से संपर्क न रखें। यदि कोई जान-पहचाना कॉल भी आता है तो उसकी पुष्टि जरूर करें क्योंकि वह फेक भी हो सकता है। 
 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हाईकोर्ट एडवोकेट एवं समाजसेवी अनिल त्रिवेदी ने कहा कि मोबाइल मनुष्य का बनाया गया ऐसा टूल है, जो इतने कम समय में वैश्विक जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग के साथ मनुष्य के व्यवहार में भी काफी बदलाव आया है। आज की पीढ़ी बॉडी और माइंड को चार्ज करने के बजाय मोबाइल को चार्ज करने के लिए ज्यादा उतावली रहती है। यह दुनिया जितनी आकर्षक है, उतनी ही खतरनाक भी है।
 
उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम टेक्नोलॉजी के एडिक्ट हो गए हैं। आने वाली पीढ़ी प्राकृतिक सोच समझ वाली नहीं होगी बल्कि रोबोट की तरह होगी। पूरी मनुष्यता का जीवन रोबोटिक हो जाए, उसको जो बताया जा रहा है उसे वह रियल मानने लगे तो यह पूरी मनुष्यता के खिलाफ अपराध है।
 
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल ने छात्रों को विभिन्न माध्यमों से साइबर अपराध वर्ष की रिपोर्टिंग के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने वित्तीय धोखाधड़ी होने पर टोल फ्री नंबर 1930 के बारे में भी जानकारी दी साथ ही राष्ट्रीय साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर जाकर विभिन्न तरीकों से साइबर अपराध रिपोर्टिंग के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने स्टेट साइबर सेल, क्राइम ब्रांच व स्थानीय पुलिस थानों के माध्यम से विभिन्न साइबर अपराधों की रिपोर्ट दर्ज करने या आवेदन देने के तरीकों के बारे में भी जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. रामगुलाम राजदान ने भी संबोधित किया। वरिष्ठ पत्रकार प्रतीक श्रीवास्तव भी इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। 
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इस अवसर पर मुख्‍य अतिथि वरुण कपूर समेत अन्य अतिथियों ने अस्टिेंट कमांडेंट हेमेन्द्र सूर्यवंशी, इंस्पेक्टर एम. प्रवीण पंवार, इंस्पेक्टर जगदीश राठौर, इंस्पेक्टर पूनम राठौर, दीप सिंह भदौरिया, अफजल खान, इमरान खान (सभी प्लाटून कमांडर), अक्षय कुमार जाधव, सेंटपॉल कॉलेज के शिक्षकगण - डॉ. ज्योति बत्रा, डॉ. एंटोनी, डॉ. गोल्डी जकी, प्रो. विधि प्रियाणी, प्रो. भावना संगमनेरकर आदि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कॉलेज की प्रिंसिपल ने मुख्‍य अतिथि कपूर को स्मृति चिह्न भेंट किया। 
 
कार्यक्रम में संस्था परिचय एवं विषय की रूपरेखा पत्रकार मंच के अध्यक्ष विजय राठौर ने प्रस्तुत ‍की। अतिथि स्वागत इदरीस पटेल, सोहराब पटेल, अशोक साहू, मनीष सिंह चौहान एवं अनामिका सितलानी ने किया। संचालन कॉलेज की प्रो. विधि प्रयाणी ने किया।