इंदौर में 100 ज्यादा पक्षियों की मौत से हड़कंप, 7 टीमें घर-घर जाकर कर रही हैं सर्वे
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के एक निजी कॉलेज परिसर में मृत पाए गए 100 से ज्यादा पक्षियों (कौओं) में से 2 की जांच में 'एच-5 एन-8' वायरस पाए जाने के बाद पशु चिकित्सा विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और अन्य संबंधित विभाग सक्रिय हो गए हैं। एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के अतिरिक्त संचालक डॉ. शैलेष साकल्ले ने शनिवार को यहां पहुंचकर मामले की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गडरिया ने बताया कि मामला प्रकाश में आने के बाद शनिवार को हमने लोक स्वास्थ्य के मद्देनजर 7 टीमें बनाकर सर्वे कार्य प्रारंभ कर दिया। ये टीमें प्रभावित कॉलेज परिसर के आसपास के आजाद नगर, पलडा, चौहान नगर, नवलखा, स्नेहलतागंज, रेसीडेंसी और मूसाखेड़ी के रहवासियों की जांच करेगी। इन टीमों को यहां रह रहे नागरिकों में सर्दी-खांसी और अन्य लक्षणों के बारे में जानकारी जुटाने और लक्षण वाले नागरिकों को ऐहतियातन चिकित्सकीय निगरानी में लिए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
स्थानीय कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (चिड़ियाघर) के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि मृत पाए गए लगभग 125 से ज्यादा कौओं को निर्धारित प्रक्रिया के तहत दफन कर दिया गया है। मृत कौओं से संक्रमण नहीं फैले, इसलिए इन्हें दफन करने के साथ आवश्यक ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं।
यादव ने बताया कि इससे पहले इसी तरह का संक्रमण राजस्थान के झालावाड़ और जोधपुर के पक्षियों में सामने आया था। संक्रमण पक्षियों से पक्षियों में फैलने की सामने आई जानकारी के बाद प्रभावित क्षेत्र से महज ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थित चिड़ियाघर में बाहर के पक्षियों के प्रवेश को रोके जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही चिड़ियाघर में रह रहे 500 से ज्यादा पक्षियों के पिंजरों के आसपास सैनिटाइजेशन कराया गया है।
कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार ने बताया कि 'एन5 एच 8' वायरस का घातक असर अब तक केवल 'वाइल्ड वर्ड' पर ही देखा गया है। उन्होंने कहा कि फिर भी हम नागरिकों के स्वास्थ्य के हित में सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। (वार्ता)